प्रदेश की योगी सरकार ने बजट में स्कूली बच्चों के जूते, मोजे, स्वेटर, किताबें और यूनिफॉर्म के लिए करोड़ों रुपए का प्रावधान रखा है, लेकिन बाराबंकी के प्राइमरी स्कूल की हालत अलग ही कहानी बयां कर रही हैं। बाराबंकी जिला मुख्यालय से महज कुछ दूरी पर स्थित प्राथमिक विद्यालय बंकी प्रथम और द्वितीय स्थित हैं। यहां की स्थिति काफी दयनीय है। इन स्कूलों की दीवारों और छतों में दरार पड़ गई है। बारिश ने स्कूल का बुरा हाल कर दिया है। छत से पानी टपक रहा है, बावजूद इसके छात्र यहीं पढ़ने को मजबूर हैं।
इन स्कूलों में तैनात अध्यापकों का कहना है कि स्कूल की इमारत बिल्कुल जर्जर हो चुकी है। स्कूल में कभी भी बड़ी घटना हो सकती है। बारिश के मौसम में बच्चे हाथ में छाता लेकर पढ़ाई करते हैं। स्कूल टीचर के मुताबिक, बच्चों के घरवाले बारिश में उन्हें स्कूल नहीं भेजते, कई लोगों ने तो अपने बच्चों का नाम तक स्कूल से कटा लिया है। उन्होंने बताया कि बारिश के चलते अक्सर हम लोग स्कूल में छुट्टी कर देते हैं, क्योंकि कभी भी यहां कोई बड़ा हादसा हो सकता है। हम लोगों को मजबूरी में बच्चों को यहां ऐसी हालत में पढ़ाना पड़ रहा है।
बच्चों ने कहा- घर से छाता लेकर आते हैं पढ़ने
टीचरों के मुताबिक, इन लोगों ने विभाग के आलाधिकारियों को कई बार स्कूल की ऐसी स्थिति के बारे में अवगत कराया, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि हर बार बारिश में स्कूल का यही हाल रहता है। हम लोग बारिश में घर से छाता लाकर यहां पढ़ाई करने आते हैं। कई बच्चों ने बताया कि हमारे घरवाले हमको बारिश में स्कूल नहीं आने देते।
बीएसए ने कहा- जांच कराएंगे
सरकारी स्कूल की ऐसी खस्ताहाल स्थिति पर बाराबंकी के बीएसए विनय कुमार का कहना है कि उन्हें इस बारे में अभी जानकारी मिली है। वह मौके पर विभाग के अधिकारी को भेजकर इस बात की जांच कराएंगे कि ऐसी जर्जर बिल्डिंग में स्कूल क्यों चल रहा है और अभी तक स्कूल की मरम्मत क्यों नहीं कराई गई है। उन्होंने बताया कि स्कूल के मेंटेनेंस पर विभाग हर स्कूल को फंड देता है,।ऐसे में इस बात की भी जांच कराई जाएगी कि स्कूल के टीचरों ने बिल्डिंग की मरम्मत क्यों नहीं कराई? बीएसए के मुताबिक जल्द ही स्कूल के बिल्डिंग को सही कराया जाएगा, जिससे आगे ऐसी कोई समस्या न आए।