70 कट्टे नकली डीएपी जब्त, गिरोह से पूछताछ
डीएपी के कट्टों में एसएसपी भरकर बेच रहे थेपुलिस ने गिरोह के चार जनों को डिटेन कर शुरू की पूछताछ
70 कट्टे नकली डीएपी जब्त, गिरोह से पूछताछ
बारां. जिले में डीएपी खाद की किल्लत अभी दूर नहीं हुई। किसान यहां डीएपी नहीं मिलने से पड़ोसी जिलों ही नहीं मध्यप्रदेश से भी डीएपी ला रहे हैं, लेकिन ऐसे किसानों को उत्पादन बढ़ाने के इस प्रयास से जोर का झटका लग सकता है। खाद की कालाबाजारी की खबरों के बीच सस्ते खाद को ऊंचे दामों पर बेचने वाले गिरोह सक्रिय है। गुरुवार रात को पुलिस व कृषि विभाग की संयुक्त कार्रवाई में ऐसा ही मामला उजागर हुआ है। इस कार्रवाई में 70 कट्टे डीएपी खाद बरामद हुआ। जिसका गहनता से निरीक्षण करने पर आरम्भिक तौर पर इसे अधिकारी एसएसपी (सिंगल सुपर फास्फेट) बता रहे हैं। जिसे डीएपी के कट्टों में रिपैकिंग किया गया था। पुलिस ने इस मामले में झालावाड़ जिले के सारोला थाना निवासी मुख्य सरगना रामदयाल रैगर समेत चार जनों को डिटेन किया।
पुलिस अधीक्षक कल्याणमल मीना ने बताया कि तुलसां कोटड़ी गांव में पुलिस व कृषि विभाग ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए नकली खाद डीएपी के 70 कट्टे आईपीएल डीएपी के जब्त कर चार जनों को गिरफ्तार किया है। गांव में किसानों को खाद बेेचने की सूचना पर पुलिस अधीक्षक के निर्देश के बाद पुलिस व कृषि विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी। इस टीम ने एक पिकअप वाहन व उसमें भरा 70 बैग नकली डीएपी जब्त किया। पुलिस को सूचना मिली थी कि झालावाड़ जिले के खानपुर से कुछ लोग बारां जिले के कोटड़ी तुलसां गांव में नकली खाद किसानों को बेचने आ रहे हंै। इसके बाद संयुक्त टीम ने कार्रवाई की। गांव से नकली खाद बेचते 4 जनों को डिटेन किया। इनसे गहनता से पूछताछ की जा रही है। नकली डीएपी बेचने वालों के कब्जे से एक पिकअप वाहन भी जब्त किया गया है।
लैब भेजेंगे नमूने
कृषि विभाग इस बोगस डीएपी के नमूने लेकर जांच के लिए उच्च स्तरीय लैब को भेजे हैं। कृषि विभाग उप निदेशक अतीश कुमार शर्मा ने बताया कि प्रथमदृष्टया जब्त आईपीएल के कट्टों में सिंगल सुपर फास्फेट नजर आ रहा है। जिसके नमूने लिए हैं, जिन्हें विभागीय लैब में भेजा जाएगा। दूसरी ओर पुलिस ने धोखाधड़ी व आवश्यक सेवा वस्तु अधिनियम समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया है।
875 रुपए की कमाई
कृषि अधिकारियों का मामना है कि उक्त गिरोह खाली डीएपी के कट्टों में सिंगल सुपर फास्फेट की रिपैकिंग कर डीएपी के नाम से बेच रहा है। सिंगल सुपर फास्फेट का एक बैग 325 से 350 रुपए में बिकता है। ऐसे में गिरोह के लोग मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।
पोषक तत्व कम, उत्पादन पर असर
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि डीएपी की तुलना में सिंगल सुपर फास्फेट में पोषक तत्व कम होते हैं। इससे फसल उत्पादन पर सीधा असर पड़ता है तथा यह औसत से कम होता है। इनका कहना है कि इस वर्ष डीएपी की कमी से बाजार में इसकी कालाबाजारी जोरों पर तो है ही, नकली पैकिंग के मामले भी सामने आ रहे हैं।
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