जिले का सबसे बड़ा महाविद्यालय ,बरसाती पानी के भराव से खेल मैदान तालाब बना
बारां. जिले का सबसे बड़ा महाविद्यालय इन दिनों प्रशासनिक अनदेखी के चलते बदहाल है। बरसाती पानी के भराव से इसका खेल मैदान तालाब बना हुआ है। ऐसे में खिलाड़ी खेल मैदान का रुख नहीं करते। जबकि कुछ दिनों बाद महाविद्यालय व अंतर महाविद्यालय खेल प्रतियोगिता आयोजित की जानी है। बरसाती पानी के निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से यहां मच्छर भी पनप रहे हैं। जो विद्यार्थियों व कर्मचारियों में बीमारियों का भय पैदा कर रहे हैं
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बारां. जिले का सबसे बड़ा महाविद्यालय इन दिनों प्रशासनिक अनदेखी के चलते बदहाल है।
बरसाती पानी के भराव से इसका खेल मैदान तालाब बना हुआ है। ऐसे में खिलाड़ी खेल मैदान का रुख नहीं करते। जबकि कुछ दिनों बाद महाविद्यालय व अंतर महाविद्यालय खेल प्रतियोगिता आयोजित की जानी है। बरसाती पानी के निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से यहां मच्छर भी पनप रहे हैं। जो विद्यार्थियों व कर्मचारियों में बीमारियों का भय पैदा कर रहे हैं।
परिसर के अंदर भी जलभराव होने से करोड़ों रुपए के भवन भी क्षतिग्रस्त होने का अंदेशा बनने लगा है। वर्तमान में महाविद्यालय के दो तिहाई भाग में बरसाती पानी भरा हुआ है। इससे मुख्य भवन से छात्रावास तक भी पहुंच नहीं हो पा रही। खेल मैदान ने तालाब की शक्ल ले ली है। जिस कारण छात्र-छात्राओं की खेलकूद गतिविधियां भी बाधित है। जिससे छात्रों में भी आक्रोश है। पुस्तकालय के पिछवाड़े में दो कक्षों में पानी के भराव के कारण काफी समय से कक्षाएं नहीं लग पा रही है। बरसात के बाद महाविद्यालय में पहली बार यह हालात बने हैं।
महाविद्यालय के पिछवाड़े तालाब के पेटे में बेतरतीब मकानों का निर्माण हुआ तो इससे बरसाती पानी के निकासी का नाला अवरुद्ध हो गया। नगर परिषद द्वारा क्षेत्र में सीसी रोड निर्माण ऊंचा तो करवा दिया। लेकिन पानी की निकासी के लिए मध्य में कोई पाइप नहीं डालें। इससे हालात अब विकट हो गए। बरसाती पानी के जमावड़े से जहां एक ओर नवनिर्मित छात्रावास भवन तक पहुंचना आसान नहीं रहा। वहीं दूसरी ओर पूरा खेल मैदान तालाब बना होने के कारण खिलाड़ी भी नहीं खेल पा रहे हैं। गत वर्ष भी महाविद्यालय प्रशासन ने बरसाती पानी के निकास के काफी प्रयास किए। लेकिन नगर परिषद, सार्वजनिक निर्माण विभाग व जिला प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। इस साल भी यही हाल है। अभी गांधी जयंती के अवसर पर आयोजित रक्तदान शिविर में भाग लेने पहुंचे जिला कलेक्टर को भी इस समस्या से अवगत करवाया गया। महाविद्यालय परिसर में भी कोई व्यवस्था नहीं है। परिसर में एक भी नाला या नाली बनी हुई नहीं है। उन्होंने समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया है।
वहीं दूसरी ओर पानी की निकासी को लेकर एबीवीपी के पदाधिकारियों व छात्र संघ अध्यक्ष देवेंद्र चौधरी के नेतृत्व में कालेज के प्राचार्य को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में खेल मैदान में पानी की निकासी का कोई प्रबन्ध नहीं होने से आक्रोश जताया गया।
वहीं दूसरी ओर महाविद्यालय के प्राचार्य के.एम. मीणा ने बताया कि इस समस्या से नगर परिषद व जिला अधिकारियों को अवगत कराया हुआ है। कालेज के पिछवाड़े में बेतरतीब निर्माण होने से बरसाती पानी का निकास अवरुद्ध हो गया। ऐसे में ड्रेनेज सिस्टम विकसित किए जाने पर ही समस्या का स्थाई समाधान हो सकता है।
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