scriptखेतों में बरसा अमृत, सोयाबीन व उड़द को मिला जीवनदान | baran news.. | Patrika News
बारां

खेतों में बरसा अमृत, सोयाबीन व उड़द को मिला जीवनदान

मानसून की बरसात का इन्तजार आखिर खत्म हुआ। लम्बे इन्तजार के बाद गुरूवार को आखिर इन्द्र राजा बरस ही गए। बरखा रानी ने दिनभर इन्तजार करवाया। इससे पहले दिनभर उमस बनी रही। शाम को पांच बजे के आसपास अचानक आसमान में बादल छाए और जिले के कई इलाकों

बारांJul 18, 2019 / 09:23 pm

Hansraj

baran

खेतों में बरसा अमृत, सोयाबीन व उड़द को मिला जीवनदान

धरतीपुत्रों के चेहरे खिले, उमस से मिली राहत,

बारां. मानसून की बरसात का इन्तजार आखिर खत्म हुआ। लम्बे इन्तजार के बाद गुरूवार को आखिर इन्द्र राजा बरस ही गए। बरखा रानी ने दिनभर इन्तजार करवाया। इससे पहले दिनभर उमस बनी रही। शाम को पांच बजे के आसपास अचानक आसमान में बादल छाए और जिले के कई इलाकों में कभी रिमझिम तो कभी जमकर बरखा रानी बरसी। इस बरसात से क्षेत्र के किसानों को काफी राहत मिली है। उनकी उम्मीदें फिर हरी हो गई हैं।
किशनगंज. कस्बे समेत आस पास के तहसील क्षेत्र में बदरा ने प्यासे धरती पुत्रों पर पानी की बैछार कर चेहरे खिला दिए। लगभग 15 दिन से बरसात के इन्तजार में धरती पुत्र बरसात नहीं होने से निराश थे । सोयाबीन का रकबा खराब होने की स्थिति में था।अधिंकाश किसान धान की रोपाइ करने के लिए बरसात की बाट जोह रहे थे। किसान नन्दकिशोर पांचाल, प्रभुलाल, अजय चौघरी ने बताया कि मौसम के पुन: लौटने से उम्मीदे जिन्दा है।
मांगरोल. सुबह से कभी धूप तो कभी छांव के साथ बादल छाए। शाम को हल्की बूंदाबांदी के साथ कुछ देर रिमझिम पानी बरसा। इससे मौसम में ठंडक महसूस हुई। पानी मांग रही खेतों में खड़ी फसलों को भी कुछ राहत मिली। किसान फसलों के लिए पानी की बाट जोह रहे हैं । पढ़े लिखे किसान मौसम विभाग की अपडेट को भी देख रहे हैं। दो तीन दिन बाद पानी बरसने की उम्मीद किसानों को लग रही है। किसान पानी के लिए इंद्रदेव को मनाने के लिए टोने टोटके भी कर रहे हैं।
पलायथा . हल्की बारिश होने से किसानों को उम्मीद जगी है। एक पखवाड़े के बाद सांय पाच बजे के बाद पंद्रह मिनट तक हुई बूंदाबूंदी से मौसम सुहाना हो गया । वहीं भीषण गर्मी व उमस से लोगों को कुछ देर राहत मिली है।
मऊ.यहां शाम को आसमान में छाए हुए बादलों ने पानी की बूंदे बरसाना शुरू कर दिया। 15 मिनट तक हल्की बारिश हुई। इससे किसानो में बारिश के आगमन की आशा पैदा हो गई। गांव के किसान श्रवण लाल, योगी आदि ने बताया कि गत एक पखवाड़े से बंद पड़ी बारिश से निराश किसानंो में फि र बारिश होने की आशा बंधी है। हवा के रूख में भी बदलाव आया है।

बोहत.यहां बीस मिनट से अधिक हुई बरसात ने खेतों में मानों अमृत बरसा दिया। किसानों का कहना है कि एक पखवाडे से अधिक समय पहले हुई बरसात में किसानों ने बीज की बुआई की थी । बीज बुआई के बाद से ही बरसात न होने से तेज तापमान के चलते अंकुरित फसल सूखने के कगार पर थी । शाम को हुई बरसात से सूखती फसलों को जीवनदान मिल गया।
जलवाड़ा. किसानों के गुरूवार को बारिस होने से चेहरे खिल गए हैं। वहीं सूखती फसलों को भी जीवनदान मिल गया। कस्बे में दोपहर ग्यारह व साढ़े तीन बजे आधे घण्टे से अधिक बारिस हुई। जय किशन मीणा कुण्डी व ओम प्रकाश सुमन अहमदी के अनुसार साढे तीन बजे से अहमदा,अहमदी,ख्यावदा,पीतामपुरा सहित कुण्डी गांव में आधा घण्टे तक जोरदार बारिस हुई। किसानों की सोयाबीन,उड़द सहित अन्य फसलें पानी के अभाव में सूखने के कगार पर पहुंच चुकी थी। इस बारिस से फसलों को जीवनदान मिल गया।
कोयला.यहां गुरुवार को करीब दस दिन बाद हुई तेज बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे। करीब पौन घंटे तक हुई तेज बारिश से सडकों पर पानी बह निकला । बारिश होने से मुरझाए किसानों के चेहरे खिल उठे। बारिश का किसान लम्बे समय से इंतजार कर रहे थे।इबारीश में
अटरू. कस्बें में कई दिनों से बारिश के इन्तजार में तरस रही सोयाबीन को गुरूवार सांय को करीब आधे घण्टे में कुछ राहत मिली।
ग्रामीण अंचल में कई दिनों से बरखा नहीं होनें से किसान सोयाबीन की सूखती फसल से परेशान थे। इसको लेकर रविवार को घास भेरू की सवारी निकालने जाने का निर्णय लिया था। और गुरूवार से इसके लिए घर-घर जाकर चन्दा लेना भी शुरू कर दिया। गुरूवार सांय को साढे पांच बजे आधे घण्टे बारिश हुई। बारिश से जहा सोयाबीन को जीवन दान मिला ।

Home / Baran / खेतों में बरसा अमृत, सोयाबीन व उड़द को मिला जीवनदान

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो