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बारां

आजादी के दशकों बाद भी राह पर बिछे हैं कंकर-पत्थर

बारां जिले के 181 गांव के लोगों को है पक्की सड़क का इंतजार, कई गांवों की राह में वन विभाग का रोड़ा तो कई की आबादी 250 से कम होने की मजबूरी

बारांJul 21, 2021 / 06:29 pm

mukesh gour

आजादी के दशकों बाद भी राह पर बिछे हैं कंकर-पत्थर

आजादी के दशकों बाद भी राह पर बिछे हैं कंकर-पत्थर

बारां. जिले में आजादी के कई दशकों बाद भी 181 गांव सड़क की सुविधा से वंचित हंै। वहीं आधा दर्जन से अधिक गांव वित्तीय स्वीकृति के बाद भी वन विभाग की अनापत्ति नहीं मिलने के कारण निर्माण की बाट जोह रहे हैं।
यूं तो जिले में 3233 किमी लम्बी सड़कों का जाल बिछा है। बावजूद इसके जिले में 181 गांव अभी भी पक्की राह के लिए ताक रहे हैं। जिले के 1114 गांव में से 500 के ऊपर की आबादी के 688 गांव मौजूद है। जिनमें से हैं 675 गांव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना समेत अन्य योजना के माध्यम से सड़कों से जुड़ गए हैं। पीएम सड़क योजना में 290 गांव जोड़े गए हैं। जिले में पीएम सड़क योजना वर्ष 2000 से शुरू हो चुकी थी। जिसकी प्रथम स्वीकृति वर्ष 2000 में ही प्राप्त हुई थी।
जिले में कुल 3233 किमी लंबा सड़कों का जाल फैला है। इसमें नेशनल हाईवे 27 की 140.54 किमी लंबाई तथा नेशनल हाईवे 752 बारां.अकलेरा की 89 किमी लंबाई भी शामिल है।21 साल में 290 गांव सड़कों से जुड़़ेप्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत 500 से अधिक आबादी के गांव में वर्ष 2000 से अब तक कुल स्वीकृत राशि 175.31 करोड़ रुपए तथा स्वीकृत लंबाई 818.93 किमी रही। इस पर सार्वजनिक निर्माण विभाग ने 176.42 करोड़ रुपए व्यय कर 794.22 किमी लंबी सड़कों का निर्माण किया। इसमें कुल 290 गांव अब तक जुड़ चुके हैं।
वहीं पीएम योजना के तहत 2012-13 में आई समूह योजना के तहत 17 समूह को सड़कों से जोड़ा गया। इसमें स्वीकृत राशि 12.70 करोड़ तथा स्वीकृत सड़क की लंबाई 34.13 किमी थी। उस पर विभाग ने 12.50 करोड रुपए खर्च कर 27.6 किमी लंबी सड़क का निर्माण कार्य करवाया।
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अंत में वन विभाग में जाकर अटका मामला
सार्वजनिक निर्माण विभाग शाहाबाद के अधिशासी अभियंता हरिप्रसाद मीणा ने बताया कि फॉरेस्ट लैंड में शाहाबाद क्षेत्र के गांव गाडर, महेशपुरा्र स्वास, नयागांव, ईशाटोरी, राजपुर तथा रामगढ़ माताजी की परिक्रमा मार्ग समेत 7 गांव के सड़क की निर्माण स्वीकृति मिली हुई है। लेकिन फॉरेस्ट लैंड होने के कारण वन विभाग ने पहले जिस जमीन को रोड के लिए बताया उसे स्वीकृत नहीं किया। उसी को लेकर बाद में अन्य जमीन का चयन कर प्रस्ताव जिला कलेक्टर को भेजे गए हैंए लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिल पाई है।
जिले में 500 से अधिक की आबाद के अधिकांश गांव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत सड़कों को जोड़ दिया गया है। वर्तमान में 500 से अधिक की आबादी के 11 गांव सड़क से नहीं जुड़े है। वन विभाग की अनापत्ति नहीं मिलने से निर्माण लटका हुआ है। 4 गांव 250 से 500 तक की आबादी वाले हैं। अभी 250 से कम आबादी वाले गांवों को सड़कों से जोडऩे के लिए सरकार की कोई नीति नहीं है।
डीके विश्वकर्मा, अधीक्षण अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग

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