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बारां

यूरिया खाद के लिए सुबह से रात तक इन्तजार

एक ओर जहां जिले के कृषि अधिकारी यहां नियमित रूप से यूरिया की आपूर्ति के साथ उसके वितरण का दावा कर रहे हैं तो दूसरी ओर गांव, कस्बों में शहरों में यूरिया के लिए लगी किसानों की लम्बी कतारें आईने में हकीकत दिखा रही है। रविवार को छीपाबड़ौद में यूरिया वितरण के दौरान किसानों पर चली पुलिस की लाठियां यूरिया की मारामारी की असली तस्वीर उजागर कर गई। प्रदेश में चुनाव से पहले से निवर्तमान सरकार के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि अपनी कुर्सी बचाने की कवायद में जुटे रहे तो नवगठित सरकार के निर्वाचित नुमाइन्दें अभी जीत के जश्न में गाफिल है।

बारांDec 18, 2018 / 12:31 pm

Dilip

baran

Farmers growing up in the district

बारां. एक ओर जहां जिले के कृषि अधिकारी यहां नियमित रूप से यूरिया की आपूर्ति के साथ उसके वितरण का दावा कर रहे हैं तो दूसरी ओर गांव, कस्बों में शहरों में यूरिया के लिए लगी किसानों की लम्बी कतारें आईने में हकीकत दिखा रही है। रविवार को छीपाबड़ौद में यूरिया वितरण के दौरान किसानों पर चली पुलिस की लाठियां यूरिया की मारामारी की असली तस्वीर उजागर कर गई। प्रदेश में चुनाव से पहले से निवर्तमान सरकार के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि अपनी कुर्सी बचाने की कवायद में जुटे रहे तो नवगठित सरकार के निर्वाचित नुमाइन्दें अभी जीत के जश्न में गाफिल है। इन हालात में किसान रहा है। सोमवार को भी जिले के कई क्षेत्रों में यूरिया को लेकर मारामारी मची रही। अधिकांश उपखंड मुख्यालयों व कस्बों में खाद्य के लिए पुलिस थानों में कतारें लगीं। चार पांच दिनो में यूरिया खाद की किसानो को सख्त जरुरत है। लेकिन ऐसे हालातो के चलते किसान परेशान है।
क्यो मच रही मारामारी
कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार जिले में इस वर्ष अक्टूबर से दिसम्बर तक जिले में 61 हजार मीट्रिक यूरिया की मांग थी, इसके बदले सोमवार शाम तक यहां 45 हजार 491 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति हो चुकी है। जबकि अभी दिसम्बर माह का पूरा एक पखवाड़ा शेष है। जानकार सूत्रों का कहना है कि इस साल अतिवृष्टि से खरीफ के उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ा। छोटे व मझोले किसान फसल उत्पादन कम रहने से सरसों व गेहूूं की बुवाई से पहले पर्याप्त मात्रा में यूरिया व डीएपी खाद नहीं खरीद सके, जबकि सम्पन्न किसानों ने आवश्यकता से अधिक यूरिया का संग्रहण कर लिया। इनमें पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के किसान भी शामिल रहे। वहीं कई डीलरों ने अपने बड़े किसान ग्राहकों को साधने के लिए स्टॉक कर उसे धीरे-धीरे खपा दिया। इससे इनदिनों बाजार में यूरिया की बड़ी किल्लत सामने आ गई।
केलवाड़ा. केलवाड़ा कस्बे में सोमवार को फिर किसानों ने उप तहसील कार्यालय पर एकत्रित होकर नारेबाजी की और सड़क पर जाम लगा दिया। प्रशासन के एक दिन बाद खाद आने के आश्वासन के बाद किसानों ने जाम हटाया। जानकारी के अनुसार एक डीलर को एक गाड़ी खाद आवंटन हो कर आई थी। इसमें 466 बैग थे जबकि कास्तकार सैकड़ों की संख्या में थे। ऐसे में किसी किसान को खाद नहीं दिया गया। कुछ देर बाद किसान महापंचायत पदाधिकारियों को पता चला तो काफी किसान एकत्रित होकर पुन: उपतहसील केलवाड़ा में पहुंच गए और खाद की विकट समस्या का एक ज्ञापन जिला कलक्टर के नाम दिया गया। किसान महापंचायत ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी की अगर तीन दिन में किसानों की आपूर्ति नहीं की गई तो किसान अपने घर खेत छोड़ कर तहसील से लेकर जिला कलक्टर तक आंदोलन करेगा। किसानों ने छीपाबड़ौद में हुए लाठी चार्ज की भी निंदा की। जिला संगठन महामंत्री प्रताप चंद शर्मा की अगुवाई में जिला सदस्य नन्द कुमार भार्गव समेत कई किसानो ने ज्ञापन सोंपकर मांग की।

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