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बारां

ऐतिहासिक क्रेटर,राजसी छतरियां,विहंगम पहाडियां और ग्रामीण कल्चर फिर भी पर्यटन के नाम पर एग्रीकल्चर

कुछेक स्थलों के विकास के लिए पैसा भी खर्च हुआ है, यह अलग बात है कि जिले में पर्यटन को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा

बारांJan 05, 2018 / 04:54 pm

Shivbhan Sharan Singh

ऐतिहासिक क्रेटर,राजसी छतरियां,विहंगम पहाडियां और ग्रामीण कल्चर फिर भी पर्यटन के नाम पर एग्रीकल्चर

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बारां. हाड़ौती के बारां जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पिछले कई बरसों से बातें हो रही है, कुछेक स्थलों के विकास के लिए पैसा भी खर्च हुआ है, यह अलग बात है कि जिले में पर्यटन को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा लेकिन जिला मुख्यालय से करीब ४५ किलोमीटर दूर रामगढ़ स्थल पर्यटन के मामले में आज भी पूरी तरह उपेक्षित है। वर्षों पुराने क्रेटर को लेकर अब सुर्खियों में आए रामगढ़ में विदेशी पर्यटकों का भी आना शुरू हुआ है, लेकिन अब सुविधाओं को लेकर सवाल उठने लगे हैं। सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में तो सरकारी स्तर पर अब तक उपेक्षा ही बरती गई है।
कैसे आएं पर्यटक मध्यप्रदेश की सीमा से सटे इस स्थल पर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं लेकिन जिले के इस प्रमुख स्थल तक पहुंचने के लिए सरकारी स्तर पर आवागमन की सुविधा पर्याप्त नहीं है। बरसों बाद कुछ महीनों पहले रोडवेज की ओर से बस संचालन शुरू किया गया। केवल एक बस संचालित होती है। गिनी-चुनी निजी बसें जरूर दौड़ती हैं जबकि इस मार्ग पर दर्जनों गांव बसे हैं। स्थानीय निवासी तुलसीराम बसवाल ने बताया कि शाम पांच बजे बाद तो कोई साधन ही उपलब्ध नहीं है। मंदिर क्षेत्र में भी सुुविधाएं नहींं हैं।यहां एक ओर पहाड़ी पर कृष्णाई-अन्नपूर्णा माता का मंदिर है तो दूसरी ओर पहाडिय़ों के बीच राज्य का मिनी खजुराहो कहा जाने वाला ऐतिहासिक भंडदेवरा मंदिर, प्राचीन गढ़। दो बड़े-बड़े तालाब हैं वहीं चारों ओर प्राकृतिक सौन्दर्य की छटा बिखरी रहती है। पहाडिय़ों पर जगह-जगह मंदिरों के अवशेष मिलते हैं वहीं गुफा, बावडिय़ां आदि भी हैं, लेकिन कोई सुध नहीं ले रहा। गत दिनों ही यहां तीन देशों से पर्यटक भी पहुंचे व रात गुजारी थी।
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उन्होंने बढ़ाए कदम
यहां जो कुछ हुआ, उसमें प्रशासन की जगह जनसहयोग की भूमिका रही। जनसहयोग से बनाए गए टीन शेडों के नीचे बाहर से आने वाले लोगों को बैठकर थकान दूर करनी पड़ती है। कोई धर्मशाला/सामुदायिक भवन तक नहीं बन सका। माताजी मंदिर स्थल पर कुछ विकास कार्य हुए, वे भी एक ठेकेदार ने कराए।
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बनाना होगा रोडमैप

बारां से रामगढ़ वाया किशनगंज सड़क मार्ग की हालत ठीक नहीं है। कई जगह जगह डामर उखड़ रहा है तो रामगढ़ में तिराहे से माताजी मंदिर तक मार्ग की सड़क भी कई जगह क्षतिग्रस्त हो रही है। रोड लाइड सुविधा भी नहीं है। बनाना होगा रोडमैप वर्षों पुराने क्रेटर को लेकर रामगढ़ की पहचान अब सामने आने लगी है तो पर्यटक भी आने लगे हैं, लेकिन पर्यटन का रोडमैप बनाना जरूरी है। सबसे पहले यहां आवागमन के साधन उपलब्ध कराने जरूरी हैं तो क्र्रेटर का प्रचार-प्रसार भी जरूरी हो गया है।

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