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बारां

जिले में 82 हजार परिवार पकाते हैं चूल्हे पर खाना

घर-घर में नि:शुल्क गैस कनेक्शन देने के सरकार लाख दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत तो इन दावों से जुदा ही है। जिले के गांवों में अब भी 82 हजार परिवार चूल्हे पर खाना पकाने को मजबूर हैं।

बारांJan 18, 2019 / 10:16 pm

Ghanshyam

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जिले में 82 हजार परिवार पकाते हैं चूल्हे पर खाना

दावे हैं दावों का क्या
1 लाख 32 हजार के पास नहीं है गैस कनेक्शन-जिले में सिर्फ 50 हजार परिवारों को मिलता है केरोसिन
बारां. घर-घर में नि:शुल्क गैस कनेक्शन देने के सरकार लाख दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत तो इन दावों से जुदा ही है। जिले के गांवों में अब भी 82 हजार परिवार चूल्हे पर खाना पकाने को मजबूर हैं। इन्हें गैस कनेक्शन तो दूर चूल्हा जलाने के लिए केरोसिन तक नसीब नहीं हो रहा। ऐसे में केन्द्र सरकार की उज्जवला गैस योजना व राज्य सरकार की राशन योजना इनसे कोसों दूर ही है।
जिले में करीब 4 लाख राशनकार्ड धारक हैं। इनमें से 2 लाख 67 हजार परिवारों के पास गैस कनेक्शन हैं, लेकिन 1 लाख 32 हजार परिवारों के पास गैस कनेक्शन नहीं है। जिन लोगों के पास गैस कनेक्शन नहीं हैं, उन्हें खाना राशन की दुकानों पर प्रतिमाह ढाई लीटर केरोसिन देने का नियम है। इसकी एवज में उनसे 31.90 रुपए प्रति लीटर के दाम देने पड़ते हैं। केरोसिन खुले में नहीं बिकता। जिले के बिना गैस कनेक्शन वाले परिवारों के लिए 325 किलोलीटर केरोसिन की आवश्यकता होती है, लेकिन खाद्य विभाग जयपुर की तरफ से केरोसिन का आवंटन मात्र 132 किलोलीटर ही है। राज्य सरकार की ओर से जिले को आवंटित केरोसिन में से ढाई लीटर के हिसाब से यह 50 हजार परिवारों को ही मिल पाता है। ऐसे में 82 हजार परिवारों की महिलाओं को चूल्हा जलाने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है।
1 लाख 15 हजार को मिला कनेक्शन
केन्द्र सरकार की उज्जवला योजना के तहत जिले में 1 लाख 15 परिवारों को ही गैस कनेक्शन मिला है। उक्त परिवारों का नाम बीपीएल सूची में दर्ज है। साथ ही ये अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पात्र परिवार है। शेष 1 लाख 32 हजार परिवारो को इस योजना के तहत कनेक्श देने में नियम-कायदे आड़े आ रहे हैं। हालांकि कुछ दिनों पहले केन्द्र सरकार ने अन्य वर्ग के परिवारों को भी योजना के तहत कनेक्शन देने की घोषणा की है, लेकिन अभी यह कनेक्शन जारी नहीं हो रहे।
९०० से १३२ केएल रह गया केरोसिन
वर्ष 2015 तक बारां जिले में 900 केएल केरोसिन आता था, लेकिन सरकार ने आवंटन घटाते-घटाते अब 132 केएल कर दिया है। क्योंकि राज्य सरकार की मंशा केरोसिन बंद करने की है, जिससे सभी परिवार गैस कनेक्शन पर ही खाना बना सकें। जिले मेें केरोसिन के चार थोक विक्रेता हैं। हाल ही में बारां जिले के दौरे पर आए प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने प्रदेश के जिलों को केरोसिन मुक्त घोषित किए जाने को लेकर बड़ा बयान दिया था। ऐसे में जिन परिवारों के पास गैस कनेक्शन नहीं है, उन्हें अब राहत मिलने के आसार कम ही है।
…तो फिर लकडिय़ां व उपलों का ही सहारा
गैस व केरोसिन नहीं मिलने से वंचित परिवारों के पास लकडिय़ों व उपलों (कंडों) से भोजन पकाने के अलावा कोई और उपाय नहीं रहेगा। चूल्हा जलाने के लिए पहले केरोसिन का उपयोग करना पड़ता है। अब यदि जिला केरोसिन मुक्त घोषित कर दिया जाता है तो जिले में गैस कनेक्शन से वंचित परिवारों की परेशानी और भी बढ़ जाएगी।
……..
सरकार की सोच है कि सभी के पास गैस कनेक्शन हो गए हैं। चूल्हे पर खाना कोई नहीं बनाता है। इस वजह से केरोसिन का आवंटन कम हो रहा है। आवंटन बढ़ाने के लिए खाद्य विभाग जयपुर को लिखा गया है।
हरलाल मीणा, कार्यवाहक जिला रसद अधिकारी, बारां
रिपोर्ट – हंसराज शर्मा द्वारा
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