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निर्धन परिवारों को लगेगा झटका, जिले से गायब हो जाएगा ‘केरोसिन’

बारां लोगों की टकटकी पेट्रोल व डीजल के बढऩे वाले दामों पर तो टिकी रहती है, लेकिन केरोसिन के दामों को लेकर खासकर शहरी क्षेत्र के बाशिंदों की कोई दिलचस्पी नहीं रहती, और अब रहेगी भी नहीं।

बारांFeb 22, 2020 / 06:19 pm

Mahesh

निर्धन परिवारों को लगेगा झटका, जिले से गायब हो जाएगा 'केरोसिन'

निर्धन परिवारों को लगेगा झटका, जिले से गायब हो जाएगा ‘केरोसिन’

बारां लोगों की टकटकी पेट्रोल व डीजल के बढऩे वाले दामों पर तो टिकी रहती है, लेकिन केरोसिन के दामों को लेकर खासकर शहरी क्षेत्र के बाशिंदों की कोई दिलचस्पी नहीं रहती, और अब रहेगी भी नहीं। राज्य सरकार ने अब जिले के शहरी क्षेत्र बारां, अन्ता, मांगरोल व छबड़ा नगरपालिका क्षेत्रों का केरोसिन का कोटा समाप्त तो पहले ही समाप्त कर दिया था। अब इन चारों उपखंडों के अलावा अटरू व छीपाबड़ौद में भी केरोसिन नहीं दिया जा रहा। रसद विभाग के सूत्रों का कहना है कि जिले के किशनगंज व शाहाबाद उपखंड आदिवासी जनजाति क्षेत्र होने से वहां के राशनकार्ड धारकों को प्रतिमाह ढाई लीटर केरोसिन उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे में जिले को प्रतिमाह जिले को महज २४ हजार लीटर केरोसिन उपलब्ध कराया जा है। इसके दाम भी अब ३८ रुपए लीटर से अधिक हैं।
डेढ़ लाख परिवारों को झटका
जिले में लगभग 4.१५ लाख राशनकार्ड धारक हैं। इनमें से 2 लाख 60 हजार परिवारों के पास गैस कनेक्शन धारक हैं। बाकी बचे 1 लाख ५५ हजार बिना गैस कनेक्शन वाले परिवार हैं। इनमेें शहरी क्षेत्र के परिवार भी शमिल हैं, इससे यह व्यक्तियों के घरों में चूल्हे पर खाना पका सके। साथ ही घर में रात को घरों में उजाला करने के लिए चिमनी जला सकें, लेकिन महंगाई बढऩे के साथ केरोसिन के भी भाव बढ़ते जा रहे हैं।
चार साल में दोगुने भाव
वर्ष 2016 में 17.50 रुपए प्रतिलीटर केरोसिन का भाव था, जो 2017 में 21 रुपए प्रतिलीटर पहुंच गया। वर्ष 2018 से केरोसिन के भाव प्रतिमाह दो बार बढ़े, इसके बाद बीते दो बरसों से डीजल व पेट्रोल की भांति बढ़ रहे हैं। वर्तमान में इसके दाम ३८ रुपए प्रति लीटर से अधिक हो गए हैं।

बंद करने पर भी विचार
रसद विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार का मानना है कि लगभग सभी परिवारों के पास गैस कनेक्शन है लेकिन फिर भी यदि कोई परिवार गैस कनेक्शन से वंचित हैं तो उन्हें आसानी से गैस कनेक्शन दिए जा रहे हैं। ऐसे में अब केरोसिन की आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार सब्सिडी खत्म करने के साथ-साथ प्रदेश बारां जिले को आवंटित केरोसिन का कोटा भी आगामी मार्च माह में बंद कर सकती है।

केरोसिन का वितरण केवल ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहा है। उसे भी केवल आदिवासी क्षेत्र के उपभोक्ताओं के घरों में उजाला करने के लिए दिया जा रहा है, जिले के अन्य छह उपखंडों क्षेत्रों केरोसिन नहीं दिया जा रहा है।
हरलाल मीणा, कार्यवाहक जिला रसद अधिकारी, बारां

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