वातावरण अनुकूल मिला तो आबाद होने लगी प्रवासी परिंदों की बस्ती
दो साल के बाद जांघिल फिर से बनाने लगे आशियाने
वातावरण अनुकूल मिला तो आबाद होने लगी प्रवासी परिंदों की बस्ती
बारां. जिले के सीसवाली रोड स्थित विजयपुर गांव के तालाब में पेंटेड स्टार्क प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट फिर से गंूजने लगी है। पिछले 2 सालों से पंचायत द्वारा तालाब में मछली का ठेका देने के कारण इन प्रवासी पक्षियों की कई वर्षों से चली आ रही बस्ती उजड़ गई थी। जिससे पर्यावरण व पक्षी प्रेमियों को भी निराशा हो रही थी। इस वर्ष तालाब में पर्याप्त भोजन उपलब्ध होने के चलते प्रवासी पक्षियों ने वापस घोंसले बनाना शुरू कर दिया है। यह पक्षी यहीं रह कर प्रजनन भी करते हैं। तालाब में अब पेड़ भी कम रह गए हैं। इसके चलते घोंसले बनाने में भी पक्षियों को परेशानी हो रही है। एक पेड़ के ठूंठ के ऊपर 4-5 घोंसले बनाने का पक्षियों ने प्रयास किया है। वहीं इन परिंदों ने अन्य पेड़ों पर भी घोंसले बना रखे हैं। इनकी चहचहाट लुभाती है। उल्लेखनीय है कि हर साल सर्दियों की शुरुआत में समूचे उत्तर भारत में पश्चिम एशिया, साइबेरिया और योरप से बड़ी संख्या में परिंदे प्रवास करते हैं।
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