चुनाव बाहर,अपराधी अन्दर,जेल में तंगी
जिले में भयमुक्त, निष्पक्ष व निर्भिकता से चुनाव सम्पन्न कराने की पालना सुनिश्चित करने के लिए पुलिस की ओर से फरार वांछित अपराधियों की धरपकड़ शुरू की गई तो जेलों के बैरक भर गए।
बारां•Nov 12, 2018 / 12:14 pm•
Dilip
बारां. विधानसभा चुनाव क्या आए लम्बे समय से फरार व वांछित अपराधियों की भी शामत आ गई। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार जिले में भयमुक्त, निष्पक्ष व निर्भिकता से चुनाव सम्पन्न कराने की पालना सुनिश्चित करने के लिए पुलिस की ओर से फरार वांछित अपराधियों की धरपकड़ शुरू की गई तो जेलों के बैरक भर गए।
अब हाल यह है कि जिला मुख्यालय की जिला कारागार में क्षमता से दोगुना से अधिक बंदी हो गए। जिला कारागार की क्षमता करीब 162 बंदियों के रखने की है, आम दिनों में करीब 260 बंदी रहते हैं, लेकिन यहां रविवार को करीब 335 बंदी रहे।
जबकि इनकी सुरक्षा के लिए डेढ़ दर्जन स्थायी सुरक्षाकर्मी ही तैनात हैं।
बंदी बढ़े तो बदल गई व्यवस्था
विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद 6 अक्टूबर से लगातार बंदियों की संख्या बढ़ती जा रही है। रविवार को भी 15 नए बंदी दाखिल हुए हैं। हालांकि आए दिन जमानत पर रिहा भी किए जा रहे हैं, लेकिन कमोबेश बंदियों की संख्या ढ़ेड से दोगुनी तक रह रही है। इससे जेल के चारों बैरकों में जगह की तंगी हो रही है। एक बैरक में सामान्य दिनों की अपेक्षा करीब 15-15 बंदी बढ़ गए हैं। बंदियों को पासपास सोना पड़ रहा है। पानी की मांग बढ़ गई है तो अधिक देर तक ट्यूबवैल की मोटर चलानी पड़ रही है। वहीं, राशन की खपत भी बढ़ गई है।
चार बार करनी पड़ती है गिनती
नियमानुसार जेल में सुबह, दोपहर, शाम व रात के समय बंदियों की गिनती की जा रही है। रोजाना सुबह छह बजे जेल खोली जाती है तथा 11 बजे बंद की जाती है। इसके बाद 11 से दोपहर तीन बजे तक जेल बंद रहती है। दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक फिर जेल खुली रखी जाती है तथा शाम को छह बजे से सुबह छह बजे तक बंद रखी जाती है। जेल खुली रहने के दौरान बंदी बैरकों से बाहर रहते हैं तथा जेल बंद होने के समय बैरकों में पहुंच जाते हैं। इस दौरान चार बार बंदियों की गिनती की जा रही है।
…लेकिन नहीं बढ़े सुरक्षाकर्मी
जिला जेल में बंदियों की संख्या तो बढ़कर क्षमता से दोगुनी से अधिक हो गई, लेकिन उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी नहीं बढ़ाए गए हैं। इससे तैनात सुरक्षाकर्मियों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें आवश्यकतानुसार ही अवकाश दिए जा रहे हैं। वर्तमान में 12 सिपाही व छह हवलदार समेत ढेड दर्जन स्थायी सुरक्षाकर्मियों पर ही 335 बंदियों की जिम्मेदारी है। वैसे अस्थायी तौर पर 8 शहरी, 6 बोर्डर होमगार्ड व आरएसी के 11 जवानों काम चला रहे हैं। जेल में कुल 43 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।
इन दिनों 162 की क्षमता के मुकाबले दुगने बंदी रखे हैं। रविवार शाम तक करीब 335 बंदी हो गए। अतिरिक्त स्टॉफ नहीं मिला है, लेकिन पूरी तरह सतर्कता बरती जा रही है। आए दिन अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किए जाते हैं। राशन की खपत बढ़ी है, इसके लिए प्रति व्यक्ति राशन के हिसाब से भुगतान किया जाता है।
करण सिंह शक्तावत, उपाधीक्षक (कार्यवाहक), जिला कारागार
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