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बारां

अब तो खोलो मुट्ठी सरकार, किसान कब से कर रहे इंतजार

रबी की बुवाई के साथ त्योहारी खर्च की दोहरी मार,-मुआवजे व मदद पर टिकी है धरतीपुत्रों की आस, कब मिलेगा किसानों को फसल खराबे का मुआवजा

बारांOct 12, 2021 / 10:05 pm

Ghanshyam

अब तो खोलो मुट्ठी सरकार, किसान कब से कर रहे इंतजार

अब तो खोलो मुट्ठी सरकार, किसान कब से कर रहे इंतजार


रबी की बुवाई के साथ त्योहारी खर्च की दोहरी मार,-मुआवजे व मदद पर टिकी है धरतीपुत्रों की आस, कब मिलेगा किसानों को फसल खराबे का मुआवजा
बारां. जिले में खरीफ की फसलों में खराबा हुए लगभग दो माह होने को है, अब किसान सरसों समेत रबी की अन्य फसलों की तैयारियां में जुटे हैं, लेकिन अब तक खराबे का मुआवजा नहीं मिलने से उनके चेहरे मुरझाए हुए हैं। हालांकि सरककार ने बीमीत किसानों के खराबे की अधिसूचना जारी कर दी, लेकिन किसानों को बीमा क्लेम के लिए इंतजार करना पड़ेगा। बीमा क्लेम भी दो हिस्सों में मिल सकेगा। कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार बीमा कम्पनी ने जो सूची जारी की है, उसके अनुसार खरीफ में 1, 22, 000 हैक्टेयर की फसलों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अनुसार 64000 किसानों ने प्रीमियम जमा कराया था।
कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार जिले की आठों उपखंडों में राज्य सरकार ने खरीफ की सोयाबीन, उड़द व मक्का में 50 प्रतिशत से अधिक खराबा मानते हुए अधिसूचना जारी कर दी है। जबकि बीमा कम्पनी की ओर से लगभग 64 हजार किसानों की 1, 22, 000 हैक्टेयर भूमि में फसल खराबा मान लिया है। हालांकि खरीफ में जिले में 3.30 लाख हैक्टेयर में सोयाबीन समेत अन्य फसलों की बुवाई हुई थी, लेकिन लगभग दो लाख हैक्टेयर में बोई गई फसलों का बीमा नहीं हुआ था। ऐसे में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 64 हजार किसानों को ही मुआवजा के रूप में राहत मिल सकेगी। ऐसे में अधिसूचित फसल खराबे फसल खराबे में बीमा से वंचित किसानों को राज्य सरकार को मुआवजा देना होगा। मुआवजा राशि का निर्धारण किस तरह से होगा, यह सरकार की प्रक्रियानुसार होगा।
प्रथम किस्त के तौर पर 25 फीसदी
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार फसल बीमा कम्पनी निर्धारित प्रक्रिया के तहत अभी २५ प्रतिशत खराबे का ही भुगतान करेगी। मुआवजा राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा कराई जाएगी। शेष मुआवजा राशि का निर्धारण फसल की कटाई के बाद किया जाएगा। ऐसे में दूसरी किस्त मिलने में किसानों को खासा इंतजार करना पड़ सकता है। जबकि किसानों की रुपए, पैसों की सर्वाधिक जरूरत इस समय है, अब सरसों की बुवाई के बाद नवम्बर माह में गेहूं, चना व लहसुन की बुवाई का दौर शुरू हो जाएगा।
आपदा प्रबंधन पर टिकी है निगाह
जिले में खरीफ की बुवाई का कुल क्षेत्रफल 3.30 लाख हैक्टेयर रहा था। जबकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 1, 22, 000 हजार हैक्टेयर का ही बीमा प्रीमियम जमा हुआ था। इन किसानों को बीमा योजना का लाभ देय नहीं होगा। ऐसे में 2, 08, 000 हजार क्षेत्रफल में खरीफ की फसलों की बुवाई करने वाले किसान राज्य सरकार की मदद पर टकटकी लगाए हुए है। अब तक एक भी किसान को फसल खराबे का मुआवजा नहीं मिला है। ऐसे में इन किसानों को मुआवजा रूपी राहत के लिए राज्य सरकार की ओर टकटकी लगाई हुई है। राजस्व विभाग के सूत्रों का कहना है कि सर्वे के बाद रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी है। वहां से ही मुआवजा राशि का निर्धारण होगा।
-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमित किसानों को जल्द की प्रथम किस्त का भुगतान मिल जाएगी। कुछ दिनों बाद प्रभावित किसानों के खातों में शेष मुआवजा राशि मिल जाएगी। राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जिन किसानों ने बीमा नहीं कराया था, उनकी मदद की जाएगी। बारां जिले के किसानों को कोटा, बूंदी व झालावाड़ जिलों के किसानों से अधिक मुआवजा राशि मिलना तय है।
अतीश कुमार शर्मा, उपनिदेशक कृषि विस्तार
-जिले में फसल खराबे के राजस्व विभाग के सर्वे की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी है। आगे की प्रक्रिया सरकार के स्तर पर ही होगी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अधिसूचना जारी हो गई है। ऐसे में बीमित किसानों को जल्द ही मुआवजा राशि का वितरण शुरू हो जाएगा।
बृजमोहन बैरवा, एडीएम बारां

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