अगर पुलिस पहले ही संभल जाती तो नहीं चलती गोलियां,बटावदापार गांव में पुरानी रंजिश को लेकर झगड़ा, हमले में महिला समेत तीन जने घायल
छबड़ा. बापचा थाना क्षेत्र के ग्राम बटावदापार में मंगलवार को पुरानी रंजिश को लेकर एक परिवार के तीन जनों को करीब एक दर्जन से अधिक लोगों ने लाठी, गंडासे व पिस्टल से हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया। हमले में घायल दीवान सिंह किरार, रामस्वरूप किरार एवं कल्ली बाई को गंभीर अवस्था में छबड़ा चिकित्सालय भर्ती कराया। प्राथमिक उपचार के बाद तीनों को बारां रैफर कर दिया।
बारां•Oct 15, 2019 / 06:59 pm•
Shivbhan Sharan Singh
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अगर पुलिस पहले ही संभल जाती तो नहीं चलती गोलियां,बटावदापार गांव में पुरानी रंजिश को लेकर झगड़ा, हमले में महिला समेत तीन जने घायल
छबड़ा. बापचा थाना क्षेत्र के ग्राम बटावदापार में मंगलवार को पुरानी रंजिश को लेकर एक परिवार के तीन जनों को करीब एक दर्जन से अधिक लोगों ने लाठी, गंडासे व पिस्टल से हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया। हमले में घायल दीवान सिंह किरार, रामस्वरूप किरार एवं कल्ली बाई को गंभीर अवस्था में छबड़ा चिकित्सालय भर्ती कराया। प्राथमिक उपचार के बाद तीनों को बारां रैफर कर दिया।
थानाप्रभारी प्रेमचंद गुर्जर के अनुसार घायल दीवान सिंह के परिजनों द्वारा दिए परिवाद में बताया कि मंगलवार दोपहर करीब 2.30 बजे बटावदापार निवासी दीवान सिंह गुर्जर के घर के बाहर एक जीप व कार आकर रुकी। जिसमें से 10 से 12 लोग लाठी, गंडासे, तलवार व पिस्टल के साथ उतरे और दीवान सिंह पर हमला कर दिया। अचानक हुए हमले से दीवान सिंह घर के अंदर भागा तो हमलावर गजराज सिंह एवं बीरबल ने पिस्टल से फायर कर दिया। जिससे दीवान सिंह घायल होकर गिर गया। इसके बाद वहां मौजूद अन्य हमलावर कल्याण सिंह, लखन लाल, गुरुदयाल ने तलवार से हमला किया। दीवान को बचाने आए मामा के लड़के रामस्वरूप किरार व मां कल्ली बाई पर भी हमलावरों ने तलवार व लाठी से हमला किया। जिसमें वे दोनों भी घायल हो गए।
दीवान सिंह के अनुसार हमलावरों में करण सिंह, विशाल, देवेंद्र, बृजमोहन, टीपू, बनवारी, पर्वत, पवन, श्यामसुंदर, सौदान भी शामिल थे। हमलावरों में कुछ मध्य प्रदेश के लोग भी शामिल होना बताया गया है। हमले के बाद आरोपी मौके से भाग गए। इसके बाद तीनों घायलों को ग्रामीणों ने छबड़ा चिकित्सालय भर्ती कराया। जहां से उन्हें बारां रैफर कर दिया।
परिजनों ने पुलिस पर लगाया आरोप
दीवान सिंह के परिजनों ने बताया कि 2 माह पूर्व गांव में जानवरों को बाहर निकालने के मामले में दीवान सिंह एवं उसके भाई का झगड़ा गांव के इन्हीं आरोपियों से हुआ था। जिसमें दीवान सिंह एवं उसके भाई को तो पुलिस द्वारा पाबंद कर गिरफ्तार किया गया, लेकिन दूसरे पक्ष को पुलिस ने पाबंद नहीं किया। इस वजह से दूसरे पक्ष के लोगों ने रंजिशन हमला किया। पुलिस अगर पूर्व में ही हमलावरों को पाबंद करती तो यह घटना घटित नहीं होती।
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