रजिट्रेशन से दवा लेने तक कतार
जिला चिकित्सालय में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीज व उनके परिजनों को रजिस्ट्रेशन काउंटर से लेकर भर्ती होने तक कतार में रहना पड़ रहा है। रजिस्ट्रेशन के लिए तीन काउंटर संचालित है, लेकिन तीनों काउंटरों पर सोमवार सुबह से दोपहर तक कतारें लगी रही। रजिस्ट्रेशन के बाद आउटडोर में चिकित्सक को दिखाने के लिए भी भीड़ लग रही है। परामर्श लेने के बाद दवाइयों के लिए दवा वितरण केन्द्र पर खड़े रहकर इंतजार करना पड़ रहा है। दोपहर 12 बजे तक अस्पताल का समय होने से जांच रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है तो मरीजों को फीस देकर चिकित्सकों से घरों पर परामर्श लेना पड़ रहा है। यहां भी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है।
सूत्रों का कहना है कि तेजादशमी, डोल, मोहर्रम के लगातार अवकाश के चलते सोमवार को चिकित्सालय का आउटडोर बढ़कर करीब 2 हजार तक पहुंच गया।, इससे पहले रविवार को करीब एक हजार व शनिवार को करीब 16सौ का आउटडोर रहा था। आउटडोर बढऩे से सभी तरह की व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही है। एक हॉल में संचालित शिशु वार्ड में अब आए दिन 70 से 80 बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है। सामान्य दिनों की अपेक्षा जांचों की संख्या भी बढ़ रही है। सोमवार को करीब 250 मरीजों की करीब साढ़े आठ सौ जांचें की गई।
टीम ने किया अवलोकन, दी जानकारी
सीसवाली क्षेत्र के गुलाबपुरा गांव में स्क्रब टायफस तथा कालूपुरा व पापड़ली गांव में स्वाइन फ्लू से मृत्यु होने के बाद सोमवार को उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) डॉ. राजेन्द्र मीणा के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तीनों गांवों में पहुंचकर क्षेत्र में की गई गतिविधियों के बारे में ग्रामीणों से जानकारी ली तथा उन्हें स्वाइनफ्लू, स्क्रबटायफस एवं डेंगू के लक्षणों व बचाव के बारे में जानकारी दी। इसके बाद सीएचसी सीसवाली के प्रभारी डॉ. कन्हैयालाल मीणा से क्षेत्र में निरंतर गतिविधियां कराने तथा पॉजीटिव मिले मरीजों का फोलोअप करने के लिए कहा। टीम में एपिडेमियोलॉजिस्ट दिनेश साहू, मेल नर्स विरेन्द्र गौतम व वाहन चालक नारायण मीणा शामिल थे।