शिविर में 350 को ही बुलाते हैं उक्त छात्र-छात्राओं को समाज की मुख्य धारा से जोडऩे के लिए थेरैपी देने, पढ़ाने, लिखाने सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां देने के लिए प्रतिवर्ष सातों ब्लॉकों के संदर्भ केन्द्र में समग्र शिक्षा अभियान की ओर से अभिभावक परामर्शदात्री शिविर लगाया जाता है, लेकिन शिविर में 350 छात्र-छात्राओं व अभिभावकों को ही शामिल किया जाता है। अगले वर्ष फिर नए छात्रों व अभिभावकों को शिविर में शामिल किया जाता है। जबकि गत वर्ष शामिल छात्र-छात्राओं की तरफ ध्यान तक नहीं दिया जाता।
यह हंै 21 तरह के दोष
पूर्ण दृष्टिबाधित, अल्प दष्टि, श्रवण बाधित, वाक दोष, अस्थि बाधित, मानसिक बीमारी, अधिगम अक्षमता, प्रमस्तिष्क पक्षघात, स्वलीन व्यवहार, बहुविकलांगता, बौनापन, अनुवांशिक स्थिति, थैलेसीमिया, हिमोफिलिया, एसीड अटैक सहित अन्य दोष होते हैं।
& दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षकों की कमी है। चुनाव बाद शिक्षकों को लगाया जाएगा, जिससे दिव्यांग छात्र-छात्राओं का अध्ययन ज्यादा अच्छे से हो सके।
गणपतलाल मीणा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, बारां