ये है मामला
मामला वर्ष 2017 का है। थाना सुभाषनगर में एक बुजुर्ग महिला ने रिपोर्ट लिखायी थी। रिपोर्ट में महिला ने कहा था कि 26 मई 2017 की शाम 7:30 बजे वो और उसकी बहू घर में अकेले थे, तभी पड़ोस का रहने वाला अंशु उर्फ अविनाश जो खुद को हिंदू युवा वाहिनी का नेता बताता है, वो अपने साथी पंकज पाठक, जितेंद्र शर्मा व अनिल सक्सेना के साथ उसके घर में घुस आया। वे पुरानी रंजिश का बदला लेने आए थे। इस दौरान चारों ने उनकी बहू के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी।
थोड़ी देर बाद उनका बेटा आया तो उन्होंने सारी बात उसे बतायी। इसके बाद बेटा और वे पीड़िता को लेकर शिकायत करने थाने जाने लगे। इसी बीच उन्हें 15 से 20 लोगों ने घेर लिया और शिकायत न करने के लिए धमकाया। लेकिन इस बीच मोहल्ले के लोग इकट्ठे हो गए और अभियुक्त पंकज पाठक, जितेंद्र शर्मा व अंशु उर्फ अविनाश सक्सेना को पकड़कर थाने ले गए। इस बीच अनिल सक्सेना मौके से भाग गया। इसके बाद तीनों का मुकदमा एक साथ चला जबकि अनिल सक्सेना की पत्रावली अलग कर दी गई। इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कुल पांच गवाह पेश किए गए। इसके बाद कोर्ट ने तीनों को दोषी ठहराते हुए 20—20 साल की सजा सुनाई व 29—29 हजार रुपए जुर्माना लगाया। इस राशि को पीड़िता को देने का आदेश दिया।