कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा के बाद जिलाधिकारी आर विक्रम सिंह ने फेसबुक पर लिखा था कि अजब रिवाज बन गया है, मुस्लिम मोहल्लों में ज़बरदस्ती जलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ। क्यों भाई वे पकिस्तानी हैं क्या? यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था। फिर पथराव हुआ, मुकदमे लिखे गए।
फेसबुक पर पोस्ट के बाद इस पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी कार्रवाई की बात कही थी, जिसके बाद कमिश्नर बरेली डॉ. पीवी जगनमोहन ने पूरे मामले की जांच की थी। सूत्रों की मानें तो कमीश्नर पीवी जगनमोहन ने जिलाधिकारी की फेसबुक टिप्पणी को गलत और गैरजिम्मेदाराना बताते हुए उन पर कार्रवाई की सिफारिश की थी। डीएम की फेसबुक पोस्ट को सरकार ने गंभीरता से लिया था और मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक दीपक त्रिवेदी ने इसकी जांच कमीश्नर बरेली को सौंपी थी।
डीएम की विवादित पोस्ट के बाद बिथरी चैनपुर के भाजपा विधायक राजेश मिश्रा उर्फ़ पप्पू भरतौल ने भी डीएम पर तगड़ा निशाना साधते हुए कहा था कि इस तरह के अफसरों को पद पर नहीं रहना चाहिए। ऐसे अफसरों की जगह जेल में होनी चाहिए।
आर विक्रम सिंह ने पिछले साल चार जुलाई को बरेली के जिलाधिकारी पद पर तैनात हुए थे। राघवेंद्र विक्रम सिंह ने बरेली के विकास के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए शासन को भेजे थे। बरेली सेंट्रल और रबड़ फैक्ट्री की जमीन वापसी की कार्रवाई में राघवेंद्र विक्रम सिंह अहम भूमिका निभा रहे थे। नाथ नगरी एयर टर्मिनल को आगे बढ़ाने और अरिल नदी को पुनः जीवित करने का काम भी आर विक्रम सिंह ने शुरू कराया। अभी दो दिन पहले नकटिया का अवैध स्लॉटर हाउस भी डीएम के निर्देश पर तोड़ा गया जिसकी खूब चर्चा हुई। लेकिन कुछ भाजपा नेताओं से डीएम की नहीं बनी। आर विक्रम सिंह अगले माह रिटायर हो जाएंगे।