बसपा में हुई थी शामिल सपा छोड़ वो आईएमसी से विधानसभा का चुनाव लड़ी लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। जिसके बाद नगर निकाय चुनाव में उन्होंने बसपा का दामन थाम लिया और नगर पालिका नवाबगंज के चेयरमैन का चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उन्होंने भाजपा के जिलाध्यक्ष रविंद्र सिंह राठौर के छोटे भाई की पत्नी प्रेमलता राठौर को चुनाव हराकर नवाबगंज नगर पालिका की अध्यक्ष बनी।
भाजपा जिलाध्यक्ष से है 36 का आंकड़ा लम्बे समय तक सपा में रही शहला ताहिर ने नवाबगंज नगर पालिका की चेयरमैन बनने के बाद उन्होंने पूर्व चेयरमैन और बीजेपी के जिलाध्यक्ष रविन्द्र सिंह राठौर के खिलाफ एक साथ 33 मुकदमे दर्ज कराए थे।बाद में सत्ता बदलने के बाद जिलाध्यक्ष की शिकायत पर उनके खिलाफ जांच शुरू हुई जो अब भी चल रही है। इस बीच नगर पालिका के चुनाव में भी दोनों पक्षों में जमकर विवाद हुआ था और दोनों तरफ से मुकदमे भी दर्ज किए गए थे। हाईकोर्ट के आदेश पर शहला ताहिर को विकास भवन में शपथ दिलाई गई थी लेकिन शपथ ग्रहण के बाद ही उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद शहला ताहिर को जेल भी जाना पड़ा था।