माफिया अतीक का भाई अशरफ जेल में बंद था तो प्रयागराज के शूटरों और माफिया से अशरफ की मुलाकात कराता था। बरेली जेल में उसका अच्छा नेटवर्क था। हर चीज अशरफ के पास पहुंच रही थी। बरेली जेल में ही उमेश पाल की हत्या की साजिश रची गई। इसके बाद चैनपुर थाने में अशरफ और सद्दाम सहित अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा हुआ।
इसके बाद बारादरी थाने में सद्दाम के खिलाफ फर्जी नाम पते पर रहता था। वहां से अशरफ को तमाम सुविधाएं दिलाता था। सद्दाम तब से फरार चल रहा था। ढाई महीने पर सद्दाम गिरफ्तार हुआ। सद्दाम बरेली जेल टू में तन्हाई हाई सिक्योरिटी वाले बैरक में रखा गया था। सभी लोगों से मुलाकात पर पाबंदी लगा दी गई थी। बरेली में 6 लोगों से मिलने के लिए उनके नाम पता बताए थे। उसकी डिमांड बढ़ती गई। वहां से हटाने की मांग भी कर रहा था।
सद्दाम को 10 अक्टूबर को बदांयू जेल में शिफ्ट कर दिया गया। अस्पताल की अलग सेल में रखा गया है। सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। अभी तक किसी से मुलाकात नहीं कराया गया है। सद्दाम के तीन लड़कियों से संबंध थे। दो लड़किया प्रयागराज की और एक दिल्ली की थी। उनसे नए नए नंबरों से कॉल करता था। एसटीएफ ने उसकी महिला मित्रों के नंबर सर्विलांस पर लगा दिए थे।
सद्दाम दिल्ली वाली गर्ल्फ्रेंड से मिलने के लिए कहा था। पुलिस ने उसकी गर्ल्फ्रेंड के घर के आसपास पुलिस का पहलरा लगा दिया। सद्दाम जैसे ही पहुंचा उसे पकड़ लिया गया। जेल अधीक्षक डॉ. विनय कुमार ने बताया कि सद्दाम 10 अक्टूबर को बदायूं जेल लाया गया था। तभी से अस्पताल के अलग सेल में रखा गया है। सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हैं। सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं। अभी उससे मिलने के लिए कोई नहीं आया। उसने दस नाम बताए हैं, जिनसे वह मिलना चाहता था। नामों की सूची प्रयागराज पुलिस को भेजी गई है। वहां से अनुमति मिलने के बाद ही उसकी मुलाकात कराई जाएगी।