क्या है मामला
वर्ष 2015 में बेसिक शिक्षा विभाग में 29 हजार शिक्षकों की भर्ती की गई थी। इस भर्ती में उदयभान, मुनेश, दीपकरन और शीश पाल नाम के शिक्षक भी भर्ती हुए थे। बेसिक शिक्षा विभाग ने जब प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया तो इनके प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए जिसके बाद इन्हे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। जिसके बाद बीएसए को सभी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश मिले थे। आदेश मिलने के बाद चारों शिक्षकों पर विभिन्न थानों में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
वर्ष 2015 में बेसिक शिक्षा विभाग में 29 हजार शिक्षकों की भर्ती की गई थी। इस भर्ती में उदयभान, मुनेश, दीपकरन और शीश पाल नाम के शिक्षक भी भर्ती हुए थे। बेसिक शिक्षा विभाग ने जब प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया तो इनके प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए जिसके बाद इन्हे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। जिसके बाद बीएसए को सभी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश मिले थे। आदेश मिलने के बाद चारों शिक्षकों पर विभिन्न थानों में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
लगाए फर्जी प्रमाण पत्र
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा किए गए सत्यापन में भुता ब्लॉक के पिपरथरा गाँव के स्कूल में तैनात हुए उदयभान की बीटेक की डिग्री फर्जी पाई गई जबकि बेबल बसंतपुर गाँव के प्राइमरी स्कूल में तैनात मुनेश कुमार की बीएससी और बीएड की फर्जी पाई गई। इसी तरह से दीपकरन और शीशपाल के सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए।
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा किए गए सत्यापन में भुता ब्लॉक के पिपरथरा गाँव के स्कूल में तैनात हुए उदयभान की बीटेक की डिग्री फर्जी पाई गई जबकि बेबल बसंतपुर गाँव के प्राइमरी स्कूल में तैनात मुनेश कुमार की बीएससी और बीएड की फर्जी पाई गई। इसी तरह से दीपकरन और शीशपाल के सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए।