अधिवक्ता जितेन्द्र राणा बंटी ने बताया कि बारादरी दुर्गानगर निवासी पुष्पेन्द्र सिंह ने अदालत में अर्जी देकर बताया कि 17 अक्टूबर 2009 को जब वह गुसाईं गौटिया गया था। वहां पर मौजूद मुकेश ने गालियां दीं। मना किया तो मुकेश ने परिचितों बुलाकर लाठी डंडों से उसकी बाइक क्षतिग्रस्त कर दी। मॉडल टाउन चौकी पर पर घटना की जानकारी दी तो पुलिस ने बाइक चौकी पर मंगवा ली। 24 अक्टूबर 2009 को एनसीआर दर्ज कर ली। मुकेश को बुलाकर चौकी में पुलिस ने 10 हजार रुपये ले लिये।
जब वह मॉडल टाउन चौकी पर पहुंचा तो उससे भी 10 हजार रुपये मांगे गए। उसने रुपये से मना कर दिया और अफसरों से शिकायत करने की बात कही। आरोप था कि बारादरी पुलिस ने आरोपी से रिश्वत लेकर उसके विवाद में गवाहों को आरोपी बना दिया था। प्रकरण में बारादरी पुलिस में 12 दिसंबर 2009 को फोन कर उसे थाने बुलाया और कहा कि अपनी बाइक ले जाओ। वह बारादरी थाने पहुंचा तो वहां मौजूद एसआई कौशल कुमार दीक्षित, इंस्पेक्टर बारादरी सुनील कुमार पचौरी ने कहा कि लिखकर दो कि उसकी बाइक थाना बारादरी में नहीं है। मना करने पर वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। मारपीट, बेइज्जत कर, जबरन शराब मुंह पर छिड़ककर सरकारी कार्य में बाधा के आरोप में चालान कर दिया। मामले में कोर्ट ने परिवाद दर्ज करते हुए पुलिसकर्मियों को तलब किया था। हाजिर न होने पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था।