बारादरी थाना क्षेत्र के रहने वाले 72 वर्षीय लोकतंत्र रक्षक सेनानी वेद प्रकाश वर्मा और भाजपा के महानगर महामंत्री अरुण कश्यप के ऊपर पुलिस ने 107 /16 की कार्रवाई की है। दरअसल 2 जून को बरेली में आंधी आई थी। उस दौरान कुतुब शाह की ज्यारत की दीवार पर रखी कुछ ईंटे गिर गई थीं। पुलिस को सूचना दी गई कि हिंदुओं ने धार्मिक स्थल की ईंटे गिरा दीं। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि ईंटे आंधी से गिरी हैं जिनको पुलिस वालों ने उठा कर रख दिया। इस दौरान कांकर टोला चौकी इंचार्ज ने लोकतंत्र रक्षक सेनानी वेद प्रकाश वर्मा और भाजपा के महानगर मंत्री अरुण कश्यप को मुचलका पाबन्द कर दिया। पुलिस ने इस मामले में शांति भंग की आशंका को देखते हुए दूसरे पक्ष को भी मुचलका पाबंद किया है।
वेद प्रकाश वर्मा का कहना है कि सरकार हमको सम्मानित करती है जबकि पुलिस हमें अपमानित कर रही है। वेद प्रकाश वर्मा ने इसकी शिकायत केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार से की जिसके बाद उन्होंने एसपी सिटी और बारादरी थाना प्रभारी को फोन करके नाराज़गी ज़ाहिर की। वहीं भाजपा के महानगर मंत्री का कहना है कि थाने में हमारा और वेद प्रकाश जी का नाम संभ्रांत नागरिकों में लिखा है। जब भी कोई साम्प्रदायिक तनाव होता है कोई कानून व्यवस्था की बात होती है तो पुलिस हम लोगों को बुलाती है। ताकि मामला निपट जाए। 2011 में हुए ज्यारत के विवाद में भी प्रशासन ने एक 10 सदस्यीय कमेटी बनाई थी, जिसमें पांच हिन्दुओं और पांच मुसलमानों को रखा गया था। उस कमेटी में भी अरुण कश्यप और वेद प्रकाश वर्मा को भी शामिल किया गया था। अरुण का कहना है पुलिस हमेशा जिन लोगों की मदद से बड़े बड़े विवाद निपटाती है, आज उन दोनों को ही मुचलका पाबन्द कर दिया है।
वहीं इस मामले में एसपी सिटी अभिनंदन सिंह का कहना है कि बारादरी थाना क्षेत्र के शाहदाना इलाके में एक विवादित कुतुब शाह की ज्यारत है जिसको लेकर कई बार विवाद हो चुका है। उनका कहना है ये रमजान का महीना है और ईद भी है। इस दौरान कोई विवाद न हो जिस वजह से दोनों समुदाय के लोगों को मुचलका पाबन्द किया गया है। उनका कहना है कि चौकी इंचार्ज ने जो मुचलका पाबन्द की कार्रवाई की है वो बिल्कुल सही है और इसमें किसी का अपमान नहीं किया गया है।