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बरेली

इस बार हलहरिणी अमावस्या पर बन रहा है विशेष संयोग, ये उपाय करने से होंगे सभी कष्ट दूर

अमावस्या का मान भी इस दिन सूर्योदय से पूर्व ही लग जाएगा और पूरे दिन व्याप्त रहने के बाद मध्य रात्रि तक रहेगा

बरेलीJul 01, 2019 / 10:48 am

jitendra verma

बरेली। आषाढ़ मास में पड़ने वाली अमावस्या को हलहरिणी अमावस्या कहा जाता है। इस वर्ष यह अमावस्या 2 जुलाई, मंगलवार को मनाई जा रही है। मंगलवार का दिन होने से अमावस्या का महत्व कई गुना बढ़ गया है शास्त्रों के अनुसार अगर मंगलवार के दिन अमावस्या होती है तो वह भौमवती अमावस्या कहलाती है। ज्योतिषाचार्य आचार्य मुकेश मिश्रा के अनुसार इस बार की अमावस्या बेहद ही खास है इसलिए यह पर्व स्नान ध्यान पूजा-पाठ और पितरों की प्रसन्नता के लिए बहुत ही मंगलकारी और शुभ दायक रहेगी। सबसे खास बात तो यह है कि इस दिन सूर्य, चंद्रमा, शुक्र और राहु यह चारों ग्रह मिथुन राशि पर एक साथ रहेंगे एक साथ रहने से चतुर्ग्रही योग बन रहा है। सूर्य यश वैभव, चंद्रमा शांति, शीतलता और सुंदरता, शुक्र भौतिक सुखों का और राहू बलिष्ठता का कारक माना गया है ऐसे में यह मंगल युक्त अमावस्या बेहद ही सिद्धि दायक होगी अमावस्या का मान भी इस दिन सूर्योदय से पूर्व ही लग जाएगा और पूरे दिन व्याप्त रहने के बाद मध्य रात्रि तक रहेगा
हलहरिणी अमावस्या का महत्व

किसानों के लिए यह शुभ दिन है। यह दिन किसानों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि आषाढ़ मास में पड़ने वाली इस अमावस्या के समय तक वर्षा ऋतु का आरंभ हो जाता है और धरती भी नम पड़ जाती है। फसल की बुआई के लिए यह समय उत्तम होता है। इसलिए इस दिन किसान हल की पूजा कर खेत की जुताई प्रारंभ करते हैं इसलिए इसे आषाढ़ी व हलहारिणी अमावस्या भी कहा जाता है। इसके अगले दिन यानी 3 जुलाई से गुप्त नवरात्रि प्रारंभ होगी, इन दिनों मां दुर्गा की गुप्त रूप से आराधना की जाएगी।
मंगलवार को हलहारिणी अमावस्या होने से हल पूजन, बजरंगबली का पूजन तथा पितृ पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन पितृ निवारण के लिए निम्न उपाय करने से जीवन के समस्त कष्‍ट दूर होते हैं।

अमावस्या पर करें यह उपाय

अमावस्या के दिन भूखे प्राणियों को भोजन कराने का विशेष महत्व है।

इस दिन काली चींटियों को शकर मिला हुआ आटा खिलाएं। ऐसा करने से आपके पाप-कर्मों का क्षय होगा और पुण्य-कर्म उदय होंगे। यही पुण्य-कर्म आपकी मनोकामना पूर्ति में सहायक होंगे।
पितरों की प्रसन्नता और तृप्ति के लिए तर्पण दान अवश्य करें

इस दिन कालसर्प दोष निवारण हेतु सुबह स्नान के बाद चांदी से निर्मित नाग-नागिन की पूजा करें। सफेद पुष्प के साथ इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।

शिव रुद्राभिषेक, पितृ दोष शांति पूजन और मंगलवार के उपाय और मंत्र जाप करने से जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाएंगे

जिसे कालसर्प दोष हो, उन व्यक्तियों को अपने घर में शिवपूजन एवं हवन करवाना चाहिए।
शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं।। साथ ही दीये में थोड़ी-सी केसर भी डाल दें। यह मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का उपाय है

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