मूल रूप से शाहजहांपुर की पुवायां तहसील के नाहिलोरा बुजुर्ग गाँव के रहने वाले सीताराम राजपूत के पिता कालिका प्रसाद खेतों में मजदूरी करते थे। वो खुद भी पढ़ाई के साथ साथ मजदूरी कर अपनी पढ़ाई में आने वाले खर्च को पूरा करते थे। सीताराम राजपूत ने हाईस्कूल की परीक्षा 1997 में पुवायां इंटर कॉलेज से पास की थी। उनका कहना है कि जब हाईस्कूल का रिजल्ट आया था तो वो एक नहर की सफाई का काम कर रहे थे। हाईस्कूल की परीक्षा उनके गाँव में किसी ने पहली बार पास की थी। इसके बाद उन्होंने पुवायां इंटर कॉलेज से इंटर की परीक्षा पास की जिसके बाद स्नातक उन्होंने बरेली कॉलेज से किया और परास्नातक उन्होंने मुरादाबाद के हिन्दू कॉलेज से करने के बाद भूगोल में पीएचडी डॉक्टर एसएन सिंह के निर्देशन में की। सीताराम राजपूत आज बरेली कॉलेज के भूगोल विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात है।
डॉक्टर सीताराम राजपूत ने पत्रिका से बात करते हुए बताया कि व्यक्ति की मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती है और व्यक्ति जितनी मेहनत करेगा उसको उतनी ही सफलता भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि लोग सोचते हैं कि हम रूपये खर्च कर नौकरी हासिल कर लेंगे लेकिन वो इससे इत्तफाक नहीं रखते हैं उनका कहना है कि अगर आप मेहनत करते हैं और फिर चाहे आप मजदूर के भी बेटे हैं तो आपको सफलता जरूर मिलेगी। उनका कहना है कि सफलता का एक ही मन्त्र है और वो है कड़ी मेहनत