क्या है हलाला
इस्लाम में बताया गया है कि जब एक महिला का पति उसे तलाक दे देता है तो महिला अपनी मर्जी से किसी अन्य पुरुष से विवाह कर सकती है। ऐसे में दूसरे पुरुष से उसके रिश्ते बनते हैं। इत्तेफाक से यदि दूसरा संबन्ध भी किसी कारण न निभ सके और पति उसे तलाक दे दे या फिर दूसरे पति की मृत्यु हो जाए, तब महिला पहले पति से निकाह कर सकती है। इसे इस्लाम में हलाला या निकाह हलाला कहते हैं।
इस्लाम में बताया गया है कि जब एक महिला का पति उसे तलाक दे देता है तो महिला अपनी मर्जी से किसी अन्य पुरुष से विवाह कर सकती है। ऐसे में दूसरे पुरुष से उसके रिश्ते बनते हैं। इत्तेफाक से यदि दूसरा संबन्ध भी किसी कारण न निभ सके और पति उसे तलाक दे दे या फिर दूसरे पति की मृत्यु हो जाए, तब महिला पहले पति से निकाह कर सकती है। इसे इस्लाम में हलाला या निकाह हलाला कहते हैं।
अपनी सहूलियत के लिए बनाई नई प्रथा
मौलवियों ने इसे अपनी सहूलियत के हिसाब से इसे अमल में लाना शुरू कर दिया है। अब जैसे ही कोई पति अपनी पत्नी को तलाक देता है और महिला से दोबारा संबन्ध जोड़ना चाहता है तो मौलवी उसे हलाला की सलाह देते हैं। ऐसे में वे या तो खुद महिला के एक रात के पति बन जाते हैं और इसके बदले पैसे वसूलते हैं या फिर वे महिला के पति के साथ मिलकर किसी ऐसे इंसान को तय कर लेते हैं जो निकाह के बाद एक रात महिला के साथ गुजारेगा और उसे तलाक दे देगा। जब कि कुरान में साफतौर पर कहा गया है कि पहले पति से दोबारा शादी करने के लिए जानबूझ कर या योजना बना कर किसी अन्य मर्द से शादी करना और फिर उससे तलाक लेना, यह साजिश नाजायज है। पहले पति से दोबारा शादी तभी की जा सकती है जब दूसरी शादी भी इत्तेफाकन टूटी हो।
मौलवियों ने इसे अपनी सहूलियत के हिसाब से इसे अमल में लाना शुरू कर दिया है। अब जैसे ही कोई पति अपनी पत्नी को तलाक देता है और महिला से दोबारा संबन्ध जोड़ना चाहता है तो मौलवी उसे हलाला की सलाह देते हैं। ऐसे में वे या तो खुद महिला के एक रात के पति बन जाते हैं और इसके बदले पैसे वसूलते हैं या फिर वे महिला के पति के साथ मिलकर किसी ऐसे इंसान को तय कर लेते हैं जो निकाह के बाद एक रात महिला के साथ गुजारेगा और उसे तलाक दे देगा। जब कि कुरान में साफतौर पर कहा गया है कि पहले पति से दोबारा शादी करने के लिए जानबूझ कर या योजना बना कर किसी अन्य मर्द से शादी करना और फिर उससे तलाक लेना, यह साजिश नाजायज है। पहले पति से दोबारा शादी तभी की जा सकती है जब दूसरी शादी भी इत्तेफाकन टूटी हो।