लगातार जारी है अभियान
उमेश गौतम के मेयर बनने के बाद शहर में लगातार अतिक्रमण अभियान जारी है। शायद ही शहर का कोई ऐसा इलाका हो जहां पर नगर निगम का बुलडोजर न गरजा हो। जहां पर कभी भी अतिक्रमण हटाओ अभियान नहीं चला, उमेश गौतम के कार्यकाल में वहां भी जेसीबी ने अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिए। इस अभियान के दौरान किसी रसूख वालों की भी नहीं चल पा रही है। वही अतिक्रमण अभियान को लेकर संतोष गंगवार ने मुख्यमंत्री और मेयर को चिट्ठी लिख दी है। जिसमें कहा गया हैं कि ऐसे अभियानों का असर जनप्रतिनिधियों और सरकारों पर भी पड़ता है।
उमेश गौतम के मेयर बनने के बाद शहर में लगातार अतिक्रमण अभियान जारी है। शायद ही शहर का कोई ऐसा इलाका हो जहां पर नगर निगम का बुलडोजर न गरजा हो। जहां पर कभी भी अतिक्रमण हटाओ अभियान नहीं चला, उमेश गौतम के कार्यकाल में वहां भी जेसीबी ने अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिए। इस अभियान के दौरान किसी रसूख वालों की भी नहीं चल पा रही है। वही अतिक्रमण अभियान को लेकर संतोष गंगवार ने मुख्यमंत्री और मेयर को चिट्ठी लिख दी है। जिसमें कहा गया हैं कि ऐसे अभियानों का असर जनप्रतिनिधियों और सरकारों पर भी पड़ता है।
मेयर का जवाब
वही संतोष गंगवार की चिट्ठी वायरल होने के बाद मेयर उमेश गौतम ने भी संतोष गंगवार को खत लिख दिया है। जिसमें अतिक्रमण अभियान को लेकर प्लानिंग करने की बात कही गई है। मेयर का कहना है कि शहर के लोग अतिक्रमण अभियान के समर्थन में है कुछ लोग ही इसका विरोध कर रहे हैं।
वही संतोष गंगवार की चिट्ठी वायरल होने के बाद मेयर उमेश गौतम ने भी संतोष गंगवार को खत लिख दिया है। जिसमें अतिक्रमण अभियान को लेकर प्लानिंग करने की बात कही गई है। मेयर का कहना है कि शहर के लोग अतिक्रमण अभियान के समर्थन में है कुछ लोग ही इसका विरोध कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले टकरार
अतिक्रमण हटाओ अभियान को लेकर छिड़ी रार को लोकसभा चुनाव जोड़कर भी देखा जा रहा है। क्योंकि नगर निगम का तमाम क्षेत्र बरेली लोकसभा का ही हिस्सा है और यहां से संतोष गंगवार सात बार सांसद चुने गए हैं अपनी चिट्ठी में भी उन्होंने ऐसे अभियान असर जनप्रतिनिधियों पर पड़ने की बात लिखी है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कहीं न कही उनके मन में शंका है कि अतिक्रमण अभियान का असर उनके चुनाव पर न पड़े।
अतिक्रमण हटाओ अभियान को लेकर छिड़ी रार को लोकसभा चुनाव जोड़कर भी देखा जा रहा है। क्योंकि नगर निगम का तमाम क्षेत्र बरेली लोकसभा का ही हिस्सा है और यहां से संतोष गंगवार सात बार सांसद चुने गए हैं अपनी चिट्ठी में भी उन्होंने ऐसे अभियान असर जनप्रतिनिधियों पर पड़ने की बात लिखी है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कहीं न कही उनके मन में शंका है कि अतिक्रमण अभियान का असर उनके चुनाव पर न पड़े।