बरेली। योगी मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले बरेली कैण्ट से विधायक राजेश अग्रवाल को किसी राज्य का राज्यपाल बनाया जा सकता है। संघ के पुराने कार्यकर्ता राजेश अग्रवाल ने बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए वित्त मंत्री पद से भले ही इस्तीफा दे दिया है लेकिन इससे भाजपा में उनके कद पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन और भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री पद से रामलाल की विदाई से उनकी पकड़ हल्की तो हुई है लेकिन आरएसएस से उनका जुड़ाव और 6 बार विधानसभा सदस्य रहने से पार्टी नेतृत्व उन्हें हल्के में लेने के मूड में नहीं है इस लिए विधानसभा उपाध्यक्ष,प्रदेश महामंत्री, प्रदेश कोषाध्यक्ष जैसे पदों पर रहे राजेश अग्रवाल को राज्यपाल बनाया जा सकता है।
ये भी पढ़ें मौका मिलने पर पीछे मुड़ कर नहीं देखा राजेश अग्रवाल ने, योगी सरकार में बने वित्त मंत्री पांच राज्यों के राज्यपाल होने वाले हैं रिटायर देश के पांच राज्यों के नए राज्यपाल का ऐलान जल्द किया जा सकता है। आने वाले समय में जल्द ही पांच राज्यों के राज्यपाल सेवानिवृत्त होने वाले हैं। ऐसे में बहुत जल्द नए राज्यपालों की नियुक्ति की जा सकती है। इन राज्यपालों के अलावा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू – कश्मीर और लद्दाख में उप राज्यपाल की नियुक्ति भी की जानी है । बताया जाता है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर 29 अगस्त को सेवानिवृत्त हो रहे हैं जबकि गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा 30 अगस्त को रिटायर हो रही हैं । इसी तरह कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला 31 अगस्त को और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह 3 सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। केरल के राज्यपाल पी सदाशिवम 4 सितंबर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
ये भी पढ़ें मंंत्रिमंडल विस्तार में खाली हो गई बरेली की झोली, दोनों कद्दावर मंत्रियों का इस्तीफा रुहेलखण्ड से पहले राज्यपाल हो सकते हैं राजेश अग्रवाल अगर राजेश अग्रवाल को राजभवन भेजा जाता है तो बरेली ही नहीं बल्कि रुहेलखण्ड के पहले राज्यपाल होंगें। उप राष्ट्रपति गोपाल कृष्ण पाठक जहां बरेली के रहने वाले थे वहीं राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की शुरूआती शिक्षा बरेली में हुई थी । एक और राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद की ससुराल बदायूं की थी और उनकी पत्नी बेगम आबिदा अहमद दो बार बरेली से सांसद रहीं। लेकिन बरेली से अभी तक कोई राज्यपाल नहीं बना है।
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