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बरेली

बृज में केन्द्रीय मंत्री का टिकट काटा, जानिए क्या है रहस्य

कृष्णाराज का टिकट काटकर ब्रज क्षेत्र के उपाध्यक्ष अरुण सागर को पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है।

बरेलीMar 22, 2019 / 11:31 am

jitendra verma

Loksabha election bjp Cut ticket of Union Minister, Know What Mystery

बृज में केन्द्रीय मंत्री का टिकट काटा, जानिए क्या है रहस्य

शाहजहांपुर। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 182 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है।भारतीय जनता पार्टी ने शाहजहांपुर सुरक्षित सीट की मौजूदा सांसद व केंद्रीय कृषि मंत्री कृष्णाराज का टिकट काटकर ब्रज क्षेत्र के उपाध्यक्ष अरुण सागर को पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है। कृष्णा राज का टिकट कटने के बाद उनके खेमे में मायूसी छा गई है। कार्यकर्ताओं की अनदेखी, जनता की शिकायतों को गंभीरता से न लेना और आपसी गुटबाजी का खामियाजा केंद्रीय मंत्री को भुगतना पड़ा।
कार्यकर्ताओं की अनदेखी पड़ी भारी

बीजेपी कार्यकर्ताओं की माने तो मौजूदा सांसद पिछले पांच सालों से पार्टी के कार्यकर्ताओं की लगातार अनदेखी करती आ रही है। जिससे पार्टी के कार्यकर्ता मौजूदा सांसद के कार्यों से नाखुश रहने लगे। भाजपा संगठन के अधिकतर पदाधिकारी भी मौजूदा सांसद के कार्यों से खुश नही थे। जिससे उन्हें जनता व कार्यकर्ताओं के साथ साथ संगठन के पदाधिकारियों का भी विरोध का सामना करना पड़ा।पार्टी ने बसपा सरकार में दर्जा मंत्री रहे व बीजेपी में ब्रज क्षेत्र के उपाध्यक्ष अरुण सागर पर दांव लगया है।फिलहाल जिले मे दो मंत्रियो की गुट बाजी कृष्णा राज पर भारी पड़ गई हैं।
जनता की नहीं सुनी समस्याएं

मौजूदा सांसद ने पूरे जिले में विभागवार प्रतिनिधियों की फौज तैयार कर दी थी। लेकिन यह फौज सिर्फ अपना उल्लू सीधा करने में लगी रही। मौजूदा सांसद के साथ साथ उनकी फौज भी जनता से दूरी बनाये रही। जिससे पार्टी के द्वारा कराए गए सर्वे में वह फेल हो गई। लोगों की माने तो मौजूदा सांसद से जब कोई फरियादी अपनी फरियाद लेकर जाता था तो वह खुद समस्या न सुन कर अपने आस पास बैठे ख़ास लोगों को समस्या का समाधान करने को बोल देती थी। मंत्री के खास लोग भी जनता की समस्याओं को ढंग से नहीं सुनते थे। जिससे फरियादी निराश होकर वापस लौट आता था। जिससे लगातार मौजूदा सांसद का ग्राफ नीचे गिरता गया।
सोशल मीडिया पर भी चला अभियान

2018 मे अनदेखी के चलते ग्रामीणों ने सोशल मिडिया पर कृष्णा राज फरार के पोस्टर जारी किये थे। ग्रामीणों का आरोप था कि चुनाव के 4 साल बाद भी हमारी सांसद महोदया हमारे गाँव नही आई। न ही ग्रामीणों की समस्या को सुना जिसके चलते ग्रामीणों ने चुनाव मे बहिष्कार करने धमकी दी थी।
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