मेनका गांधी का हुआ था विरोध पीलीभीत में लोकसभा चुनाव के पहले ही मेनका गांधी का विरोध हुआ था। कुछ दिन पहले तमाम स्थानीय विधायकों और नेताओं ने एक सुर में बाहरी प्रत्याशी का विरोध करते हुए किसी स्थानीय नेता को ही चुनाव मैदान में उतारने की मांग की थी। इस मामले में अब भाजपा में बातचीत का दौर चल रहा है माना जा रहा है कि इसी वजह से अभी यहाँ से टिकट की घोषणा नहीं की गई है।
मेनका का गढ़ है पीलीभीत पीलीभीत सीट से मेनका ने 1989 में जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता, लेकिन दो साल बाद राम लहर में हुए चुनाव में ही बीजेपी ने यहां जीत हासिल की। बीजेपी के डा. परशुराम गंगवार ने उन्हें हरा दिया। उसके बाद 1996 से 2004 तक लगातार मेनका गांधी ने लगातार चार बार यहां से चुनाव जीता। इनमें दो बार निर्दलीय और 2004 में बीजेपी के टिकट से जीत हासिल की थी। 2009 में मेनका गांधी ने अपने बेटे वरूण गांधी के लिए यह सीट छोड़ी और वरूण गांधी सांसद चुने गए। लेकिन 2014 में वे एक बार फिर यहां वापस आईं और छठी बार यहां से सांसद चुनी गई।