इस मंत्र का किया जाप
माता की बात सुनकर ध्रुव ने घर छोड़ दिया और वन में पहुंच गए। यहां देवर्षि नारद की कृपा से ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र की दीक्षा ली। यमुना नदी के किनारे मधुवन में बालक ध्रुव ने इस महामंत्र को बोल घोर तप किया। इतने छोटे बालक की तपस्या से खुश होकर भगवान विष्णु प्रकट हुए। भगवान विष्णु ने बालक ध्रुव को ध्रुवलोक प्रदान किया। आकाश में दिखाई देने वाला ध्रुव तारा बालक ध्रुव का ही प्रतीक है। श्रीमनकामेश्वर मंदिर के मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने बताया कि इस मंत्र में वो शक्ति है, कि दुनिया के सभी सुख मिल सकते हैं।
माता की बात सुनकर ध्रुव ने घर छोड़ दिया और वन में पहुंच गए। यहां देवर्षि नारद की कृपा से ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र की दीक्षा ली। यमुना नदी के किनारे मधुवन में बालक ध्रुव ने इस महामंत्र को बोल घोर तप किया। इतने छोटे बालक की तपस्या से खुश होकर भगवान विष्णु प्रकट हुए। भगवान विष्णु ने बालक ध्रुव को ध्रुवलोक प्रदान किया। आकाश में दिखाई देने वाला ध्रुव तारा बालक ध्रुव का ही प्रतीक है। श्रीमनकामेश्वर मंदिर के मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने बताया कि इस मंत्र में वो शक्ति है, कि दुनिया के सभी सुख मिल सकते हैं।