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इस मंत्र के जाप से मिलते हैं दुनिया के सभी सुख, भक्त ध्रुव ने भी इसी मंत्र का किया था जाप

locationबरेलीPublished: Nov 26, 2018 07:28:31 pm

श्रीमनकामेश्वर मंदिर के मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने बताया कि इस मंत्र में वो शक्ति है, कि दुनिया के सभी सुख मिल सकते हैं।

lord vishnu

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आगरा। बालक ध्रुव की कथा का वर्णन श्रीमद्भागवत में मिलता है। श्रीमद्भागवत के अनुसार ध्रुव के पिता का नाम उत्तानपाद था। उनकी दो पत्नियां थीं, सुनीति और सुरुचि। ध्रुव सुनीति के पुत्र थे। एक बार सुरुचि ने बालक ध्रुव को यह कहकर राजा उत्तानपाद की गोद से उतार दिया कि मेरे गर्भ से पैदा होने वाला ही गोद और सिंहासन का अधिकारी है। बालक ध्रुव रोते हुए अपनी मां सुनीति के पास पहुंचे। तब मां ने उन्हें भगवान की भक्ति के माध्यम से ही लोक-परलोक के सुख पाने का रास्ता सुझाया।
इस मंत्र का किया जाप
माता की बात सुनकर ध्रुव ने घर छोड़ दिया और वन में पहुंच गए। यहां देवर्षि नारद की कृपा से ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र की दीक्षा ली। यमुना नदी के किनारे मधुवन में बालक ध्रुव ने इस महामंत्र को बोल घोर तप किया। इतने छोटे बालक की तपस्या से खुश होकर भगवान विष्णु प्रकट हुए। भगवान विष्णु ने बालक ध्रुव को ध्रुवलोक प्रदान किया। आकाश में दिखाई देने वाला ध्रुव तारा बालक ध्रुव का ही प्रतीक है। श्रीमनकामेश्वर मंदिर के मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने बताया कि इस मंत्र में वो शक्ति है, कि दुनिया के सभी सुख मिल सकते हैं।
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