scriptमौलाना तौकीर का केस ट्रांसफर, अब जिला जज करेंगे सुनवाई, 27 तक सरेंडर नहीं तो होगी बड़ी कार्रवाई | Maulana Taukir's case transferred, now District Judge will hear, if no | Patrika News
बरेली

मौलाना तौकीर का केस ट्रांसफर, अब जिला जज करेंगे सुनवाई, 27 तक सरेंडर नहीं तो होगी बड़ी कार्रवाई

बरेली। आईएमसी प्रमुख और बरेली में 2010 के दंगों का आरोपी मौलाना तौकीर रजा खान फरार है। उसके केस की सुनवाई अब जिला जज अपनी कोर्ट में स्वयं करेंगे। मौलाना के खिलाफ चल रहे गैर जमानती वारंट के मामले में हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। उन्हें 27 मार्च तक जिला जज कोर्ट में सरेंडर करना पड़ेगा। मौलाना कोर्ट में सरेंडर नहीं करते हैं तो इस मामले की सुनवाई अब एक अप्रैल को होगी। मौलाना और जेल की सलाखों के बीच की दूरियां धीरे धीरे कम होती जा रहीं हैं।
 

बरेलीMar 21, 2024 / 07:22 pm

Avanish Pandey

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पुलिस की नाकामी की वजह से ही मौलाना कानून की गिरफ्त से बाहर है।


एडीजे कोर्ट से केस ट्रांसफर कराने को बेचैन था मौलाना और उसके गुर्गे

फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम रवि कुमार दिवाकर ने मौलाना तौकीर को गिरफ्तार करने का आदेश एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान को दिया था। 19 मार्च तक मौलाना तौकीर को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करना था। लेकिन पुलिस मौलाना को गिरफ्तार नहीं कर सकी। सीओ पुलिस टीम के साथ बरेली से लेकर दिल्ली तक खाक छानते रहे, लेकिन कानून के लंबे हाथ मौलाना के गिरेबां तक नहीं पहुंच पाए। इस मामले में पुलिस ने मौलाना के बिहारीपुर के सौदागरान स्थित घर पर नोटिस चस्पा किया था। दंगे के केस में मौलाना के सह आरोपी शाहजादे ने जिला जज विनोद कुमार दुबे की कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर मामले की सुनवाई रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट से हटाने की मांग की थी। जिस पर कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 21 मार्च को आदेश कर दिया। अब जिला जज की कोर्ट स्वयं मौलाना तौकीर के दंगे के केस की सुनवाई करेगी। फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम से बरेली 2010 के दंगे की फाइल जिला जज कोर्ट ट्रांसफर हो गई है।

प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और पुलिस प्रशासन को धमकी देने वाला मौलाना मुंह छिपाकर भागा

गिरफ्तारी का अल्टीमेटम देने वाला प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को लेकर अमर्यादित टिप्पणी करने वाला मौलाना तौकीर अब फरार है। वह अंडरग्राउंड हो गया है। उसके खिलाफ दो-दो बार गैर जमानती वारंट जारी हो चुके हैं। मौलाना को अपने राजनीतिक मित्रों से भी कोई मदद नहीं मिल पा रही है। बरेली से लेकर हाईकोर्ट तक मौलाना को गिरफ्तारी के मामले में कोई राहत नहीं मिली। इसकी वजह से मौलाना मुंह छिपाये फरार है। हाई कोर्ट ने मौलाना के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के मामले में 27 मार्च तक वारंट को अमल में लाने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि गैर जमानती वारंट मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं है। हाई कोर्ट के न्याय मूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र ने मौलाना तौकीर को संबधित कोर्ट में 27 मार्च तक सरेंडर करने का आदेश दिया है।

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