हो सकता है उग्र प्रदर्शन परशुराम सेना का कहना है कि एक दिसम्बर को पद्मावती फ़िल्म रिलीज होने जा रही है जिसकी कहानी रानी पद्मावती की कहानी उनके जीवन व चरित्र से भिन्न है।फ़िल्म में रानी का व्याख्यान चरित्रहीन दिखाया गया है जो कि नारी अपमान की बात है। ऐसी फिल्म के कारण हिंदुत्व और इतिहास को ठेस पहुँची है। इसके कारण हिन्दू और भारतीयों में गुस्सा फूट पड़ा है और फ़िल्म को लेकर लोग उग्र प्रदर्शन भी कर सकते है। जिसकी पूरी जिम्मेदारी भाजपा सरकार और प्रशासन की होगी। परशुराम सेना हिंदुत्व का अपमान बर्दाश्त नही करेगी। जबकि सेंसर बोर्ड की बगैर अनुमति के फ़िल्म के ट्रेलर और पोस्टर क्यो दिखाए जा रहे है यह हिंदुत्व का नुकसान है और परशुराम सेना भारत सरकार से मांग करती है कि ऐसी फिल्मों को बनाने और दिखाने पर रोक लगाए। इससे इतिहास को ठेस पहुँचती है और इतिहास का अपमान हिंदुत्व का अपमान और भारत का अपमान परशुराम सेना सहन नही करेगी। अगर ऐसा हुआ तो चुप नही बैठेंगे और इसका अंजाम बुरा होगा।
ये रहे मौजूद इस अवसर पर जिला प्रमुख संजीव कश्यप, महानगर उपाध्यक्ष दीपू दिवाकर, प्रदेश सचिव अमित गुप्ता,प्रदेश प्रभारी नितिन सागर, जिला महामंत्री प्रदीप गुप्ता, अर्जुन गुप्ता और विमल गुप्ता समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
प्रदेश सरकार भी जता चुकी चिंता फ़िल्म पद्मावती को लेकर प्रदेश सरकार ने भी चिंता जताई है।उत्तर प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने केंद्रीय सूचना प्रसारण सचिव को पत्र लिख कर कहा है कि अगर फ़िल्म पद्मावती रिलीज होती है तो इससे कानून व्यवस्था बिगड़ने का डर है।