समाजवादी पार्टी के सभी फ्रंटल संगठन के नेता कार्यकर्ताओं के साथ शहामतगंज पुल के नीचे एकत्र हुए नारेबाजी करते हुए पुल के बरेली कॉलेज वाले छोर पर पहुंचे और बैरिकेडिंग हटाकर पुल पर चढ़ गए। जहां पर सपाइयों ने पूजा-पाठ करने के साथ ही नारियल तोड़ दिया और पुल पर पैदल मार्च किया।
समाजवादियों के पुल पर पहुंचने की सूचना पर बारादरी पुलिस मौके पर पहुंची और सपा कार्यकर्ताओं को पुल से हटाया। इस दौरान पुलिस की सपा कार्यकर्ताओं से धक्का मुक्की भी हुई। सपा के कार्यकर्ता पुल पर साइकिल लेकर चढ़ने लगे तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। जिसके बाद सपाइयों को पुल से हटाने के बाद पुलिस ने बैरिकेटिंग कर पुल पर चढ़ने का रास्ता बंद कर दिया।
शहामतगंज का ओवरब्रिज समाजवादी पार्टी की सरकार में मंजूर हुआ था, लेकिन इसका काम अब भाजपा सरकार में पूरा हुआ है। ओवरब्रिज को लेकर दोनों दल क्रेडिट लेने की होड़ में है। पुल का लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कराए जाने की बात चल रही है, लेकिन अभी सीएम का समय नहीं मिल पाया है।
शहर को दो हिस्सों को जोड़ने के लिए शहामतगंज में फ्लाई ओवर की मांग लम्बे समय से चली आ रही थी। पिछली सपा सरकार में 10 जून 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस फ्लाईओवर को मंजूरी दी। जिसके बाद 22 जुलाई 2016 को इस पुल का प्रपोजल मंजूर किया गया और 25 अक्टूबर 2016 को पुल के लिए भूमि पूजन किया गया। शहामतगंज का ये पुल 7.5 मीटर ऊंचा और 1017 मीटर लम्बा है। ये पुल 31 पिलर पर टिका हुआ है और पुल को बनाने में करीब 42 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।