पशुपति विहार इलाके में रहने वाले शैलेश कुमार शर्मा ने रुहेलखण्ड यूनिवर्सिटी से एप्लाइड एंड क्लिनिकल साइकोलॉजी में मास्टर डिग्री की हैं। फिलहाल वे साइकोलॉजी में पीएचडी कर रहे है। शैलेश बताते हैं कि जब वे उन्होंने मानसिक चिकित्सालय बरेली में इंटर्नशिप कर रहे थे तब उन्हें खयाल आया कि मानसिक रोगियों के लिए कुछ करना चाहिए। तब से वे ऐसे रोगियों की मदद में लगे हुए हैं। शैलेश को यदि सड़क पर कोई लावारिस भी पड़ा मिल जाए तो वे विभिन्न सरकारी और निजी संस्थानों की मदद से उसका इलाज कराते हैं और जब ये मरीज ठीक हो जाते हैं तो उनके परिजनों को खोज कर उन्हें परिजनों से मिलवाते हैं।
शैलेश कुमार शर्मा 2013 से इस कार्य मे लगे हुए हैं। उन्होंने सबसे पहले मुम्बई की संस्था श्रद्धा रिहेबलिटेशन फाउंडेशन के सहयोग से ये काम शुरू किया और अब अपनी संस्था मनोसमर्पण मनोसामाजिक सेवा समिति के माध्यम से इस कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं। मानसिक रोगियों का इलाज वे खुद करते हैं तो घायल, लाचार व लावारिस लोगों की मदद के लिए विभिन्न संस्थाओं की सहायता लेते हैं, फिर उन्हें परिवार से मिलाते हैं।
शैलेश ने उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखण्ड, दिल्ली, राजस्थान समेत देश के तमाम राज्यों के लोगों को परिवार से मिलवाया है। कुछ समय पहले वे नेपाल के 12 लोगों को उनके परिवार से मिलवा चुके हैं। शैलेश ने ऐसे लोगों की मदद के लिए अपने घर मे ही संस्था खोल रखी है और मरीज के लिए एक एम्बुलेंस भी ले रखी है।