राशन विक्रेता ने नहीं दिया राशन फतेहगंज पश्चिमी के मुहल्ला भोले नगर निवासी इशहाक अहमद बेहद गरीब हैं। वह झोपड़ीनुमा मकान में सकीना (50) के साथ रहते है कुछ दिनों पहले अचानक इशहाक बीमार हो गए। इसलिए घर की आर्थिक स्थिति खराब हो गई। सकीना ने घर के जेवर आदि बेच पति का इलाज कराया। इससे उसकी आर्थिक स्थिति और खराब होती गई। इशहाक के घर की हालत ऐसी नहीं थी कि दुकान से राशन खरीदा जा सके। जब सकीना का पति सरकारी राशन की दुकान से राशन लेने गया तो कोटेदार ने उसे मना कर दिया क्योंकि राशन कार्ड सकीना के नाम था और सकीना इस हालत में नही थी कि वो स्वयं राशन लेने जा सके। कोटेदार का कहना था कि बगैर सकीना के फिंगर प्रिंट के राशन नही देगा।
मृतका सकीना के पति इशहाक ने बताया कि राशन के लिए पहली तारीख से कोटेदार के पास चक्कर लगा रहे थे लेकिन उसने यह कहकर टरका दिया कि बायोमीट्रिक मशीन में पत्नी के फिंगर प्रिंट चाहिए। उसके बाद ही राशन दिया जाएगा। पत्नी की हालत ऐसी नहीं थी कि राशन की दुकान पर ले जाया जा सके।
पिछले महीने में भी ले गए थे सकीना को पिछले महीने जब घर का राशन खत्म हुआ था तो इशहाक बीमार पत्नी सकीना को किसी तरह रिक्शे पर बैठाकर
कोटा डीलर के पास ले गए थे। तब उन्हें राशन मिला था। पिछले कुछ दिनों से उनकी पत्नी की हालत ज्यादा खराब हो गई थी। स्थिति ये थी कि वह उठ भी नहीं सकती थीं। वह कहीं जाने की हालत में नहीं थीं। उनके पति ने कोटेदार को बताया कि पत्नी की हालत ऐसी नहीं है कि उसे यहां तक लाया जा सके। उन्हें राशन की जरूरत है। यदि राशन मिल जाए तो मेहरबानी होगी। इस दौरान उन्होंने पत्नी की बीमारी का भी हवाला दिया लेकिन राशन नहीं मिल सका। कोटेदार ने दो टूक कह दिया कि बायोमीटिक मशीन में कार्ड धारक का फिंगर प्रिंट अनिवार्य है। जब तक उसमें अंगुली नहीं लगेगी, तब तक राशन नहीं मिलेगा।
मोहल्ले के लोग देते थे राशन सकीना झोपड़ी में रहती थीं। उनका बेटा दिल्ली में काम करता है। गरीबी उनका पीछा नहीं छोड़ रही थी। बताते हैं कि मोहल्ले के लोग उनकी मदद करते थे। कभी कभार जरूरत पड़ने उन्हें खाना भी खिला देते थे।
दोषी के खिलाफ होगी कार्रवाई भूख से मौत पर अफसरों में भी हड़कम्प मचा हुआ है। डीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए है। एसडीएम मीरगंज अक्षयवर चौहान ने बताया कि इस मामले में जांच शुरू हो गई है।