इनके मार्फत योजना का क्रियान्वयन योजना का क्रियान्वयन कृषि उपज मंडी समितियों के माध्यम से कृषि विपणन बोर्ड की ओर से होगा। यहां बोर्ड में पंजीकृत मशीन, उपकरण निर्माता या अधिकृत विक्रेताओं से मोल भाव तय कर फसलोत्तर प्रबंधन एवं मूल्य संवद्र्धन मशीन व उपकरण खरीदने पर अनुदान दिया जाएगा।
लॉटरी से होगा फैसला
योजना के तहत यदि मशीन व उपकरणों की मांग अधिक होती है या मंडी को आवंटित मशीन व उपकरणों की संख्या कम रहती है तो पात्र काश्तकारों को लॉटरी निकालकर लाभ दिया जाएगा। जमा करवाने होंगे दस्तावेज
चयनित कृषक लाभार्थी को किसी पंजीकृत निर्माता या अधिकृत विक्रेता से मशीन व उपकरण खरीदने से पहले मंडी सचिव को दस्तावेज जमा कराने होंगे। इसमें जमाबंदी की नकल, बैंक पासबुक, स्वयं की पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड आदि होंगे।
इसके बाद मंडी स्तर पर गठित कमेटी की ओर से पात्र कृषकों का चयन किया जाएगा। कमेटी की ओर से आवंटित बजट की सीमा में कमेटी के निर्णयानुसार पात्र कृषकों को उपकरण व मशीन खरीदने की अनुमति होगी। लाभार्थी कृषक किसी भी पंजीकृत निर्र्माता या अधिकृत विक्रेता से मशीन व उपकरण की पूरी कीमत चुकाकर खरीदने के लिए स्वतंत्र होगा।
किसान खुद खरीद सकेंगे उपकरण बोर्ड की ओर से मशीन या उपकरण की कीमत निर्धारित नहीं होती है तो किसान किसी भी कीमत पर मशीन व उपकरण खरीद सकता है। कृषक की ओर से खरीदी गई मशीन या उपकरण का 15 दिन में संबंधित ग्राम पंचायत के कृषि पर्यवेक्षक की ओर से भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट मंडी कमेटी को देनी होगी। पर्यवेक्षक की रिपोर्ट के बाद मंडी प्रशासन कृषक के बैंक खाते में खरीद की 50 प्रतिशत अनुदान राशि जमा कर भुगतान करेगा।