विभिन्न जगहों से आए पन्द्रह निर्यातकों ने बाड़मेर के खेतों में अनार के पौधे देखे और जैविक उत्पादकता की प्रशंसा करते हुए इसकी खरीद में रुचि दिखाई है। एेसे में उम्मीद है कि जनवरी में थार की अनार विदेशों तक जाने लगेगी। सीमावर्ती जिले बाड़मेर में अनार का उत्पादन दिनोंदिन बढ़ रहा है। करीब सात हजार हैक्टेयर में अनार पैदा हो रही है जिससे किसानों को करीब तीन अरब की आमदनी हो रही है।
अनार की उपज के बावजूद किसानों तक निर्यातकों के नहीं पहुंचने पर बिचोलियों के मार्फत अनार बेची जा रही है जिससे किसानों को सही दाम नहीं मिल रहे। वहीं, विदेशों में अनार कैसी बिकती है इसकी जानकारी भी नहीं थी। अब गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडू, दिल्ली आदि जगह के पन्द्रह निर्यातकों ने जिले के बुड़ीवाड़ा, जागसा, असाडा सहित अनार उत्पादक गांवों का दौरा किया है जिसके बाद उन्होंने थार की अनार खरीदने में रुचि दिखाई है। करीब डेढ़ सौ किसानों से अनार की जानकारी ली। उन्होंने जनवरी में आकर दाम तय कर खरीद करने का आश्वासन दिया जिस पर अब बाड़मेर की अनार विदेशियों के जुबान पर भी मिठास घोलेगी।
इन देशों में होगा निर्यात- जानकारी के अनुसार भारत से अनार का निर्यात एशिया, यूरोप के विभिन्न देशों में होता है। साथ ही आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड, इंगलैण्ड, अमरीका में भी अनार की बेहद मांग रहती है।
एेसे में बाड़मेर की अनार निर्यातक खरीदते हैं तो सीधे विदेश तक पहुंचेगी जहां थार की अनार का नाम होगा। संभाग के अन्य जिलों से भी होगी खरीद– बाड़मेर से ही नहीं संभाग के अन्य जिलों जालोर, सिरोही, जोधपुर, जैसलमेर, पाली के साथ नागौर से भी अनार की खरीद कर विदेशों में निर्यात की जाएगी।
निर्यातकों ने किया दौरा- जिले में निर्यातकों ने अनार उत्पादक गांवों का दौरा किया है। किसानों के साथ उनकी मुलाकात सकारात्मक रही है। जनवरी में जब अनार का उत्पादन शुरू होगा तब वे वापिस आकर किसानों से अनार के दाम तक कर खरीद करेंगे। एेसे में बाड़मेर की अनार अब सीधे विदेश जाने का रास्ता प्रशस्त होगा।- डॉ. प्रदीप पगारिया, कृषि वैज्ञानिक केवीके गुड़ामालानी