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बाड़मेर

10 वर्षों से स्व-जलधारा का इंतजार, करोड़ों रूपए खर्च करने के बावजूद पेयजल को तरस रहे ग्रामीण, जानिए पूरी खबर

– पेयजल को तरस रहे ग्रामीण
– करोड़ों रूपए खर्च करने के बावजूद नतीजा सिफर

बाड़मेरDec 06, 2017 / 01:16 pm

Moola Ram

swa-jaldhara yojana,10 years

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शिव. जमीन में पानी की उपल्बधता वाले स्थानों पर नलकूप खुदवाकर घरों ढाणियों तक पाइपलाइन से पेयजल उपलब्ध कराने की करोड़ों रूपए का स्व-जलधारा योजना दम तोड़ती नजर आ रही है। करीब 10 वर्ष पूर्व शुरू हुई योजना पर विभागीय उच्च अधिकारी कार्य की प्रगति के नाम पर मौन धारण किए हुए है। दूसरी ओर दर्जनों गांवों के बाशिंदे पानी होने के बावजूद पेयजल के लिए दर-दर ठोकरे खाने को मजबूर है।
यह करने थे काम
वर्ष 2003 में यह योजना लागू हुई थी। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत बड़ा बजट खर्च करने का प्रावधान रखा गया । शुरू-शुरू में पेयजल आपूर्ति की लघु योजनाएं, बोरवेल, नलकूप व हैंडपंप लगाने जैसे कार्यों को इसके दायरे में रखा गया। इसके बाद 85 हजार लीटर क्षमता वाले एसआर का निर्माण कर पाइप लाइन से पेयजल की आपूर्ति की जानी थी। योजना में 90 फीसदी केंद्र सरकार तथा 10 फीसदी राशि संबंधित ग्राम पंचायत की ओर से गठित समिति को वहन करनी थी। इसके लिये ग्राम पंचायत को कार्यकारी एजेंसी घोषित किया गया था।
यह है स्थिति
जिला परिषद बाड़मेर ने 5 जून 2008 को शिव में 17 जगहों के लिए 1658.21 लाख रूपए स्वीकृत किए थे। इससे ग्राम पंचायत भियांड़ के अंतर्गत भियांड़ माताजी की भाखरी, अमरसिंह की ढाणी व रतनुओं की ढाणी, ग्राम पंचायत चोचरा में पाबूसर, धोलिया, मोगेराई व कल्याणपुरा, ग्राम पंचायत धारवी में धारवी कला, नेतड़ों की ढाणी व स्वरूप नगर एवं ग्राम पंचायत गूंगा, खलीफा की बावड़ी, बालासर व हरसाणी मुख्यालयों के लिए वित्तीय स्वीकृति दी गई। आनन-फानन में शुरू हुए काम में बाद में बड़े स्तर पर खामियां उजागर हुई। निम्म गुणवत्ता के बावजूद विभाग ने अधिकतम भुगतान कर दिया। उसके बाद 10 वर्षों से यह योजना ठंडे बस्ते में है।
यह परेशानियां कर रही चिंतित
क्षेत्र में बेंटोनाइट की मात्रा अधिक होने ेसे एसआर में दरार आ सकती है। पानी रहित रखने से एसआर क्षतिग्रस्त होने की भी आशंका है। पाइप लाइन की देखरेख के अभाव में बदहाल हो रही है। साथ ही पंपसेट भवन भी खस्ताहाल है। वर्षों से योजना के अधरझूल में रहने से अव उस स्थान पर पानी की उपलब्धता भी अनिश्चित है। ऐसे में लाखों का खर्च बेकार हो सकता है।
गंभीर प्रयास की जरूरत
योजना को सुचारू कर दूर-दराज के गांव में पेयजल की सुविधा बहाल करने के लिए गंभीर प्रयास करने की जरूरत है। करोड़ों रूपए खर्च करने के बावजूद पानी की व्यवस्था नहीं हुई है। – गंगासिंह राठौड़, पूर्व प्रधान, शिव
आमजन को मिले राहत
जिला परिषद को स्व-जलधारा योजना को लेकर सरकार से विचार विमर्श कर बेकार एसआर को तुरंत प्रारंभ कर आमजन को राहत प्रदान करनी चाहिए। – रेखादेवी, सरंपच गूंगा

नहीं हो रहे काम शुरू
एक वर्ष पूर्व स्व-जलधारा योजना से चयनित ग्राम पंचायतों के सरपंचों व पूर्व सरपंचों की जिला कलक्टर ने बैठक ली थी। इसमें विचार-विमर्श कर चयनित गांव में जल्द ही कार्य प्रारंभ करने की बात कही गई, लेकिन अब तक कार्य प्रारंभ नहीं हुए।– गेमरसिंह, सरंपच, चोचरा
करूंगी प्रयास
स्व-जलधारा योजना के लिए केंद्र सरकार बजट आवंटित करती थी। यह योजना किस वजह से अधरझूल में है, इसके कारणों का पता कर जिम्मेदार अधिकारियों से जल्द काम शुरू करवाने के प्रयास किए जाएंगे।– स्वरूप कंवर, प्रधान, शिव

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