बाड़मेर

बाड़मेर के सीमावर्ती क्षेत्र में फिर टिड्डी का हमला

बाड़मेर: लगातार सूखे (drought) की मार झेल रहे किसानों (farmers) के चैन की दुश्मन बनी टिड्डियां, किसानों को आशंका टिड्डियां (locust) बिगाड़ सकतीं हैं फसल, वहीं पूर्व में जहां दल बैठे थे, वहां से फाका (tiddi faka) बाहर आ रहा है। ऐसे में किसानों को डर है कि अब तक सूखे की वजह से उनके हाथ कुछ नहीं लगा और अब टिड्डियां उनके हाथों से फसल को छीन सकती है।

बाड़मेरAug 01, 2019 / 12:36 pm

Mahendra Trivedi

बाड़मेर के सीमावर्ती क्षेत्र में फिर टिड्डी का हमला

बाड़मेर. तीन साल से सूखा ही सूखा देखने के बाद इस बार बारिश (rain) हुई तो सीमावर्ती ग्रामीणों के चेहरे खिल गए। लेकिन अब उन्हें नई मुसीबत (facing new problem) टिड्डियों का डर सता रहा है। कई गांवों में सीमा पार से अब भी टिड्डी दल पहुंच रहे हैं। वहीं पूर्व में जहां दल बैठे थे, वहां से फाका बाहर आ रहा है। ऐसे में किसानों को डर है कि अब तक सूखे की वजह से उनके हाथ कुछ नहीं लगा और अब टिड्डियां उनके हाथों से फसल को छीन सकती है।
तहसील क्षेत्र के तामलोर (tamlor) सरहद के कई खेतों में नए टिड्डी दल देखे गए। किसान तखतसिंह का कहना है कि सरकारी (govt) प्रयासों के बावजूद टिड्डियों को रोक नहीं पा रहे हैं। गौरतलब है कि सबसे पहले इसी इलाके में टिड्डियों का सबसे ज्यादा प्रभाव (affect) मिला था।
जहां छिड़काव, वहां पर फिर पहुंची टिड्डी
टिड्डी नियंत्रण संगठन का दावा है कि जहां पर केमिकल का छिड़काव (chemical spray) किया जा चुका है, वहां पर टिड्डी नहीं आती है। जबकि सीमावर्ती क्षेत्र तामालोर में टिड्डी का फिर हमला(again tiddi attack) हुआ है। इस बार टिड्डी ज्यादा नजर आ रही है। वहीं फाका भी दिखा है। इसलिए किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है।

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