राजस्थान के एक दर्जन जिलों के 40-45 से अधिक थानों से तस्करी की अवैध शराब से भरे ट्रक हर रोज पार हो जाते हैं। जानकारों के अनुसार राजस्थान व गुजरात में अवैध शराब तस्करी की एक बड़ी वजह यह है कि पंजाब, हरियाणा में निर्मित होने वाली शराब की कीमत राजस्थान के मुकाबले कम है। ऐसे में हरियाणा, पंजाब के तस्करों की मदद से अवैध शराब का कारोबार राजस्थान और गुजरात तक फैला हुआ है। इतना ही नहीं हरियाणा, पंजाब में कई अवैध फैक्ट्रियां भी संचालित हो रही है, इससे अवैध शराब आधी कीमत पर तस्करों तक पहुंचाई जाती है। शराब तस्कर एक ट्रक के पीछे लाखों रुपए की काली कमाई करते है। पुलिस ट्रक पकडऩे के बाद मामला ठण्डे बस्ते में डाल देती है। ऐसी स्थिति में मुख्य तस्करों तक नहीं पहुंच पाते है।
अवैध शराब तस्करी के कारोबार का जाल राजस्थान के बाहर पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और अरुणाचल प्रदेश से जुड़ा होता है। गुजरात में शराब पाबंदी होने से शराब कारोबार करने वाले तस्करों की मौज बनी हुई है। कारण है कि गुजरात में शराब की राजस्थान से दो गुना कीमत मिलती है, ऐसे में शराब तस्कर अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर अवैध शराब को गुजरात तक पहुचाने की फिराक में रहते है।
सूत्रों की मानें तो शराब तस्कर पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा व अरुणाचल प्रदेश से अवैध शराब को ट्रकों में भरकर राजस्थान व गुजरात के सीमावर्ती गांवों में बनाए वेयरहाउस तक पहुंचाते है। यहां पर ट्रकों को खाली करते है, वहां से छोटे वाहनों से शराब को गुजरात में पहुंचाया जाता है। कईशराब तस्कर बॉर्डर पार कर ट्रकों को गुजरात तक पहुंचाते है।