सीमावर्ती क्षेत्र में जहां पर निरीक्षक स्तर के अधिकारी थानेदार रहे, वहां पर अपराध का ग्राफ लगातार गिर रहा है। जबकि यह अपराध डायवर्ट होते हुए अन्य थाना क्षेत्रों में बढ़ गया है। इन थानों में उप निरीक्षकों को थाना प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सीमावर्ती जिले के बॉर्डर के थानों में सुकून है। साल 2018 में गडरारोड में 31, गिराब में 56, बाखासर में 60, सेड़वा में 133 ही प्रकरण दर्ज हुए। यहां के थानों की जिम्मेदारी निरीक्षक संभाल रहे हैं। जबकि दूसरी तरफ सिणधरी 191, धोरीमन्ना 308, गिड़ा 223, सिवाना थाने में 189 मामले दर्ज हुए हैं। इसके बावजूद यहां उप निरीक्षक थाना प्रभारी हैं।
पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार उपखण्ड क्षेत्र के थानों में निरीक्षक स्तर के अधिकारी का थाना प्रभारी होना आवश्यक है। जैसे धोरीमन्ना, बायतु, सिणधरी, सिवाना मुख्यालय के थानों में निरीक्षक को ही थानाधिकारी लगाने का प्रवाधान है। इसके बावजूद यहां उप निरीक्षक के पास थाने का जिम्मा है।
– 25 थाने जिले भर में – 04 डिप्टी सर्कल – 12 निरीक्षक थाना प्रभारी
– 13 उप निरीक्षक थाना प्रभारी ——
पत्रिका व्यू – जिले के समूचे पुलिस बेड़े में बदलाव व मौजूदा परिस्थिति के अनुकूल पुलिस को अपडेट करने की जरूरत महसूस की जा रही है। यहां बॉर्डर के थानों में अपराध कम हो गया है, अन्य थानों में अपराध बढ़ गया है। इसलिए थानों की समीक्षा कर स्तर बदलने की जरूरत है। जिससे निरीक्षक स्तर के अधिकारी के अनुभव का लाभ जहां अपराध ज्यादा हैं, ऐसे थानों को मिल सके।