नीडल कटर का नहीं उपयोग- इंजेक्शन रूम, लेबर रूम व ओटी में इंजेक्शन का उपयोग होने के बाद नीडल कटर से जलाया जाता है फिर उससे बनने वाला वेस्ट को बायोवेस्ट कॉमेंट साइट पर भेज डिस्पोज किया जाता है यहां लेकिन ऐसा नहीं होकर नीडल को खुल्ले में फेंकी जा रहीं हैं।
कैसे होता है हॉस्पिटल में कचरे का निस्तारण- जैसा कि हॉस्पिटल में जनरेट होने वाले बायोवेस्ट को नेशनल ग्रीन ट्रब्यूलिटी नियम के तहत अलग-अलग कलर के डस्ट बीन्स में अलग-अलग तरह के वेस्ट को डाले जाने का प्रावधान है। उसके बाद उसको बायोवेस्ट पिट में कैमिकल के द्वारा डिस्पोज करना होता है न कि उसको जलाया जाता हैं। वहीं इसके एकदम उल्टा सभी तरह के बायोवेस्ट को पॉलीथिन में डालकर एक ही गड्ढे में डालकर उसको खुले में जलाया जा रहा हैं जो नियम विरुद्ध है।
ब्लॉक इंचार्ज बायोवेस्टा की जानकारी से अनजान
बायतु ब्लॉक इंचार्ज शिवराम प्रजापत से इनके बारे में जानकारी ली गई तो बताया कि पॉल्युशन बोर्ड का वाहन आता है और कचरा उठाकर ले जाता है जिसका भुगतान किया जाता है।
पत्रिका ने जब इसकी कार्यवाही को लेकर जवाब पूछा तो ब्लॉक इंचार्ज ने कहा कि अगर सही ढंग से निस्तारण नहीं होता है तो हम उसको नोटिस दे देंगे।
हमने इसको लेकर कई बार सी एम एस ओ को पत्र लिखा परंतु कोई लेने के लिए नहीं आते हैं तो हमने कुछ को जला दिया और कुछ को खड्डे में डालकर जेसीबी से दबा दिया इसमे हमारे पास कोई इलाज नहीं है। जिस कंपनी का ठेका हो रखा है उसके कार्मिक कभी लेने नहीं आते हैं।
डॉक्टर महेंद्र चौधरी,अस्पताल प्रभारी गिड़ा