हमें परम की वाणी को अंगीकार करना है। अपनी आत्मा का कल्याण करना है। सम्प्रदायवाद में नहीं उलझना है। मौलवी अकबरअली ने कहा कि अल्लाह एक है। हम तो उनकी खीदमत करने वाले है। जीवन में मोहब्बत से रहने वाला व्यक्ति सदैव सुखी होता है। इस जहां में अल्लाह कण-कण है। बस आंख मूद कर उन्हें देखने की आवश्यकता है। समिति परामर्शक पृथ्वीराज दवे ने कहा कि धर्म एक विज्ञान है। सम्प्रदाय भिन्न हो सकते हैं, मंजिल एक ही है, जितने ज्यादा रास्ते होंगे व्यक्ति उतना ही धर्म के मार्गों पर चलने का प्रयास करेगा। ओम बांठिया ने भी विचार व्यक्त किए। समिति उपाध्यक्ष मोहनलाल बाफना, पूर्व अध्यक्ष अरूण गौड़, गुलाम रसूल, तेरापंथ सभा, तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ महिला मण्डल, अणुव्रत समिति के पदाधिकारी एवं गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही। संचालन मंत्री सुरेश कुमार बागमार ने किया। समिति अध्यक्ष जवेरीलाल सालेचा ने आभार ज्ञापित किया।
बालोतरा. सत्संग से ही मानव की मुक्ति संभव है। कलयुग में सत्संग से ही जीवन का कल्याण हो सकता है। इसके बिना जीवन अधूरा है। हमें अपने मन से दूषित विचारों को त्याग कर प्रेम व करुणा को स्थान देना चाहिए। प्रेम के धरातल से रामराज्य का निर्माण किया जा सकता है। कथा वाचक महंत राघवदास ने माली -सैनी समाज विकास समिति की ओर से माली समाज भवन गांधीपुरा में आयोजित संगीतमय श्रीराम कथा के दौरान यह बात कही।
उन्होंने कहा कि श्रीराम कथा व्यक्ति को मर्यादापूर्वक जीवन जीने की कला सिखाती है। कथा श्रवण से पाप नष्ट होते हैं। जीवन व परिवार में खुशहाली आती है। आयोजन समिति अध्यक्ष बाबूलाल गहलोत ने बताया कि श्रीराम कथा का आयोजन रात्रि 8 से 10 बजे तक किया जाएगा।
इस अवसर पर वागाराम पंवार, भंवरलाल कच्छवाह, माणकचंद गहलोत, लूणचंद चौहान, मंछाराम पंवार, सांवलचंद, अशोक कच्छवाह, पंकज परिहार, धर्माराम गहलोत, मंगलाराम टाक, भीमाराम चौहान मौजूद थे।