चिकित्सा विभाग यह मानकर तैयारी करता रहा है कि बरसात के बाद मलेरिया और डेंगू फैलता है, लेकिन पिछले दो-तीन साल से विभाग ने अप्रेल से नियंत्रण के उपाय करना शुरू कर देता है। यहां तक की बुखार पीड़ितों का घर-घर सर्वे भी करवाया जा रहा है। वहीं मलेरिया क्रैश प्रोग्राम भी चलाया जा रहा है, जो आगामी 30 मई तक चलेगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव मित्तल ने बताया कि बाड़मेर जिले में मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर मलेरिया क्रैश प्रोग्राम शुरू कर चुके हैं। इसमें बुखार पीड़ितों का घर-घर सर्वे, एंटी लार्वा एक्टिविटी आदि करवाई जा रही है। इसके अलावा भी मलेरिया की रोकथाम को लेकर विभाग ड्राई-डे भी करवा रहा है। वैसे मलेरिया और डेंगू का फैलाव बरसात के बाद ही होता है। मुख्यालय के निर्देश पर जिले में मलेरिया-डेंगू आने से पहले ही रोकथाम के उपाय कर रहे है, जिससे बीमारियां ज्यादा नहीं फैले।
अब बारिश से पहले ही मलेरिया-डेंगू
चिकित्सा का कहना है कि डेंगू और मलेरिया के मामले बारिश से पहले ही आ रहे हैं। मार्च- अप्रेल में गर्मी होती है, इसमें भी दोनों बीमारियां बढ़ रही है। अस्पतालों में मलेरिया के केस मिल रहे हैं। सामान्यत: माना जाता रहा है कि बारिश के बाद ही डेंगू-मलेरिया फैलता है। अब तो केस पूरे सालभर आ रहे हैं।
डेंगू: 20 केस से अधिक वाले जिले
प्रदेश में 24 अप्रेल तक बीकानेर में 137, जयपुर 138, कोटा 42, बूंदी 43, झालावाड़ 35, अलवर 24, दौसा 24, करौली 23, प्रतापगढ़ 26, सवाई माधोपुर 25 व टोंक में कुल 27 केस डेंगू के मिले हैं।
मलेरिया: 10 से ज्यादा केस वाले जिले
मलेरिया के मामले सीमावर्ती जिलों में अधिक है। अब तक कुल 116 केस मिले है। इसमें सबसे ज्यादा 26 बाड़मेर, जैसलमेर 22, श्रीगंगानगर 11 व उदयपुर में 15 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं।