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बाड़मेर

डॉक्टर्स हड़ताल: सरकारी और निजी कहीं नहीं मिली राहत, भटकते रहे मरीज

-आईएमए के आह्वान पर चिकित्सकों की हड़ताल-1700 की ओपीडी दो आयुष चिकित्सकों के भरोसे-पीएमओ व सीनियर डॉक्टर्स ने संभाली इमरजेंसी-सबसे अधिक परेशान हुए मासूम बच्चे

बाड़मेरJun 17, 2019 / 06:28 pm

Mahendra Trivedi

doctor' s strike in barmer

सरकारी और निजी कहीं नहीं मिली राहत, भटकते रहे मरीज

बाड़मेर. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार को बाड़मेर के सरकारी व निजी चिकित्सक भी एक दिन की हड़ताल पर रहे। इसके कारण चिकित्सा व्यवस्था बेपटरी हो गई। पहले से ही बीमार मरीजों को चिकित्सा नहीं मिलने से और बेहाल हो गए। हड़ताल के कारण सबसे अधिक प्रभावित मासूम बच्चे हुए। परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन चिकित्सक नहीं मिले।
राजकीय चिकित्सालय में डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण ओपीडी सुबह से सूनी रही। जानकारी नहीं होने के कारण मरीज अस्पताल पहुंचे। काउंटर से उनको पर्ची भी दी जा रही थी। लेकिन चिकित्सक एक भी नहीं दिखा। मरीज पर्ची लेकर अस्पताल में भटकते रहे। लेकिन चिकित्सकों के कक्ष पर ताले लगे रहे। वहीं ओपीडी की कुर्सियां खाली थी। अस्पताल प्रबंधन ने ओपीडी में 4 आयुष चिकित्सक लगाए, लेकिन उनसे मरीजों को कोई राहत नहीं मिली।
अस्पताल में काउंटर पर लगी कतारें
रविवार के अवकाश के बाद सोमवार को अस्पपाल में मरीजों की संख्या अधिक रही। लेकिन चिकित्सक नहीं मिले। मरीज यहां से वहां भटकते रहे। लेकिन कहीं से राहत नहीं मिल पाई। यहां तक की निजी चिकित्सक भी हड़ताल पर रहे। जबकि कई निजी चिकित्सकों की ओर से शनिवार देर शाम तक मरीजों को मिलने का समय दिया गया, जब मरीज रविवार सुबह पहुंचे तो पता चला कि आज चिकित्सक हड़ताल पर है। इसलिए मरीजों को नहीं देखेंगे। ऐसे में सरकारी और निजी दोनों जगह मरीज राहत की तलाश करते रहे।
इमरजेंसी में पीएमओ ने देखे मरीज
राजकीय अस्पताल की इमरजेंसी में सुबह पीएमओ डॉ. संजीव मित्तल व अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों ने मोर्चा संभाला। यहां आने वाले आपातकालीन मरीजों का उपचार किया गया। चिकित्सकों की हड़ताल के चलते सोमवार को जिले के अन्य स्थानों से रैफर होकर आने वाले मरीजों की संख्या अधिक रही।
भर्ती मरीजों हो रहे बेहाल, ऑपरेशन टले
अस्तपाल में भर्ती मरीज नर्सिंग स्टाफ के भरोसे पर हैं। चिकित्सक नहीं मिलने से मरीजों का फॉलोअप नहीं हो पाया। जानकारी नहीं होने पर कई मरीज सुबह से ही चिकित्सकों का इंतजार करते रहे। लेकिन कोई चिकित्सक वार्ड में नहीं पहुंचा। डॉक्टर्स की हड़ताल 24 घंटे की है। इसलिए यह मंगलवार सुबह 6 बजे समाप्त होगी। ऐसे में मरीजों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। वहीं हड़ताल के कारण करीब 40 से अधिक छोटे-मोटे ऑपरेशन टालने पड़े।
बच्चों को लेकर यहां से वहां भटके परिजन
चिकित्सकों की हड़ताल के कारण सबसे अधिक प्रभावित मासूम हुए। छोटे बच्चों को लेकर महिलाएं अस्पताल पहुंची, यहां पता चला कि आज चिकित्सक नहीं आएंगे। लोग चिकित्सकों के आवास पर भी पहुंचे। लेकिन वहां पर भी देखने से मना कर दिया। इसके चलते मासूमों को लेकर महिलाएं व परिजन भटकते रहे।
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