गुड़ामालानी- भाजपा- के.के. विश्नोई विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से मौजूदा विधायक लादूराम विश्नोई है जो संसदीय सचिव भी है। लादूराम विश्नोई के पुत्र के.के.विश्नोई अभी भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य है। के.के. ने भाजपा संगठन से जुड़कर राजनीति में प्रवेश कर लिया है। वे गुड़ामालानी क्षेत्र में पूरी तरह से सक्रिय भी है।
पिछले दिनों उन्होंने यहां क्रिकेट प ्रतियोगिता और प्रतियोगी परीक्षाओं में तैयारी करने वालों के लिए जोधपुर में फ्री कोचिंग का प्रबंध कर अपना ग्राउण्ड तैयार करना शुरू कर दिया है। के.के. की लगातार सक्रियता यहां से उनके अगला चुनाव लडऩे की गणित को सामने ला रहा है।
कांग्रेस- क्या सुनिता होगी? कांग्रेस से यहां के उम्मीदवार हेमाराम चौधरी है। हेमाराम चौधरी के परिवार से कोई सीधा राजनीति में नहीं है। उनकी बेटी सुनिता चौधरी एडवोकेट है। हेमाराम चौधरी खुद चुनाव लड़ेंगे लेकिन एक कयास यह भी है कि हेमाराम चौधरी का भी इस चुनावों मे ंराजनीति में प्रवेश करवा सकते है,हालांकि हेमाराम ने हर बार इससे इंकार किया है।
पचपदरा- यहां भाजपा से अमराराम चौधरी राजस्व मंत्री है। उनके बेटे एडवोकेट अरूण चौधरी पूरी तरह से अमराराम चौधरी का कार्य में सहयोग कर रहे है। अरूण की सक्रियता राजनीति में भी है। इस चुनावों में अरूण चौधरी को लेकर भी कयास शुरू हुए है।
बाड़मेर- भाजपा से गंगाराम चौधरी की पोती डा. प्रियंका चौधरी पहले से ही वंशवाद के जरिए राजनीति में आ गई है और वे अब यूआईटी चेयरपर्सन है। शिव- मौजूदा विधायक मानवेन्द्रसिंह जसवंतसिंह के बेटे है,जो वंशवाद की राजनीति से आए है। कयास अगले चुनावों में उनकी पत्नी चित्रासिंह के चुनाव लडऩे के भी लगाए जा रहे है। यहां कांग्रेस से शम्माखान भी टिकट के लिए पूरा जोर लगा रही है।। शम्माखान पूर्व विधायक अब्दुल हादी की बहू है। वंशवाद की राजनीति से आगे बढ़ी है,शम्मा चौहटन प्रधान रह चुकी है।
बायतु- कर्नल सोनाराम चौधरी कांग्रेस और भाजपा दोनों से ही चुनाव लड़कर सांसद व विधायक रहे है। उनके साथ उनके बेटे डा. रमन चौधरी भी कार्य देख रहे है। डा.रमन को बायतु से विधायक का टिकट दिलाने के लिए कर्नल ने पिछले चुनावों में पूरे प्रयास किए थे। उनकी तमन्ना है कि रमन को भी टिकट मिल जाए।