कड़ाके की ठंड तो हम सहन भी कर लेते हैं, लेकिन पाक से आ रही टिड्डियों ने नींद खराब कर दी है। यही स्थिति कमोबेश धतरवालों का सरा छीतर का पार के किसान आसूराम धतरवाल की है। उन्होंने बताया कि रात को 10 से 4 बजे के बीच लाइट की बारी है।
विद्युत का वोल्टेज बराबर नहीं आने के कारण पूरे फव्वारे नहीं चल पाते। रातभर सर्दी में मेहनत करते हैं और पर्याप्त सिंचाई भी नहीं हो पाती। पंचायत समिति सदस्य धनाराम कड़वासरा बताते हैं कि किसानों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं है। रात को 1 बजे जब धन्नाराम के खेत में पहुंचे।
वहां काम करते किसानों ने कहा कि टिड्डियों के हमले का सबसे बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इनसे निजात नहीं मिलने तक खेती करना भी मुकिल हो गया है।