दरअसल, शहर में पानी की खपत लगातार बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में जलदाय विभाग जरुरत के अनुसार पानी पहुंचाने में विफल है। लगातार शहर में पेयजल संकट के बीच शिकायत मिली कि अवैध जल माफिया मोटर के जरिए मीठा पानी खींच कर टांकों में एकत्रित कर देते है, उसके बाद महंगे दामों में बेच रहे है। शिकायत के बाद जलदाय विभाग ने बड़े स्तर पर अवैध कनेक्शन काटने के लिए अभियान की शुरूआत की गई। विभाग के आंकड़ो के मुताबिक गत दो माह में करीब साढेे तीन सौ अवैध कनेक्शन काटे है। जबकि एक सप्ताह में करीब 40 कनेक्शन काटे गए है। लेकिन पुलिस थानों में अब तक एक भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। हालांकि विभाग का दावा है कि 17 के खिलाफ रिपोर्ट दी गई है।
साढ़े तीन सौ कनेक्शन काटे, एफआईआर नहीं
विभाग ने करीब दो माह की अवधि में सैकड़ों अवैध कनेक्शन काट दिए। जबकि नियमानुसार अवैध कनेेक्शन काटने के बाद संबंधित पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज करवानी थी, लेकिन यहां जिम्मेदार अधिकारियों ने कनेक्शन काटने के बाद फिक्रमंद हो गए। यहां अवैध कनेक्शन काटने के बाद एक भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। ऐसे में आशंका है कि जलदाय विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते जलमाफिया बड़ी लाइनों से अवैध कनेक्शन लेकर मोटर से पानी खींच रहे थे।
कलक्टर के आदेश महज कागजी
जिला कलक्टर ने सख्त आदेश जारी कर जलदाय विभाग को निर्देशित किया कि अवैध कनेक्शन को लेकर जल माफियाओं के खिलाफ थानों में एफआइआर दर्ज करवाई जाए, ताकि अवैध कनेक्शन को लेकर राहत मिलेगी, लेकिन यहां जिम्मेदार जलदाय विभाग ने इस आदेश को महज कागजी मान लिया।
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फैक्ट फाईल
– शहर में 1.50 लाख की आबादी
– 30 हजार शहर में जल उपभोक्ता
– 55 नगर परिषद क्षेत्र में वार्ड
– 240 लाख लीटर की प्रतिदिन जरुरत
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– थाने में रिपोर्ट दी
एक सप्ताह की अवधि में दो बार थाने में रिपोर्ट दी गई है। जिसमें 17 जनों के खिलाफ नामजद है। कलक्टर को भी अवगत करवाया है। अगर मामला दर्ज नहीं हुआ है तो कल इसे दिखवाया जाएगा। – भारतसिंह, अधीक्षण अभियंता, जलदाय विभाग, बाड़मेर
– एक बार आए थे, वापस नहीं आए
जलदाय विभाग ने एक रिपोर्ट दी थी, उन्हें वापस बुलाया था। लेकिन वापस थाने नहीं आए, इसलिए हमने उस रिपोर्ट परिवाद में जांच के लिए रखा है। जलदाय विभाग के अधिकारियों को बुलाकर बात करेंगे। – लीलसिंह भाटी, कार्यवाहक, थानाधिकारी, सदर
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