पुलिस अधीक्षक डॉ.गगनदीप सिंगला ने बताया कि प्री-बीएसटीसी परीक्षा के पेपर आउट मामले में अभ्यर्थियों को बेचने की सूचना पर साइबर सेल प्रभारी सहायक उप निरीक्षक पन्नाराम प्रजापत, सदर एचएसओ राजेन्द्र चौधरी, कोतवाल अमरसिंह रतनु के नेतृत्व में स्पेशल टीम बनाई गई। टीम ने कार्रवाई करते हुए शहर के एक होटल से चार आरोपितों को दबोच लिया। पुलिस ने व्याख्याता मनोहर कुमार सुथार पुत्र रूपाराम निवासी कारोला जिला जालोर, अध्यापक सुनील विश्रोई पुत्र धीमाराम निवासी विराबा जालोर, जगदीश उर्फ जगाराम पुत्र कालूराम निवासी चितलवाना तथा हनुमानराम पुत्र किशनाराम नाई निवासी चितलवाना को गिरफ्तार किया है।
प्री-बीएसटीसी परीक्षा का पेपर प्रति अभ्यर्थी 20 हजार के हिसाब से चार आरोपितों ने खरीदा। उसके बाद आरोपितों ने वॉट्सएप गु्रप बनाकर अभ्यर्थियों से सम्पर्क किया। यह पेपर आरोपितों के पास रविवार सुबह करीब 11 बजे पहुंच गया था। इसके बाद पेपर को हल कर आंसर-की तैयार की गई थी।
आरोपितों ने अभ्यर्थियों को आंसर-की देने की बजाय उन्हें एक जगह एकत्र किया और पेपर को याद करवाया। ऐसा इसलिए किया गया कि आंसर-की का पता अन्य किसी तो नहीं चले। लेकिन करीब एक बजे पेपर वॉट्सएप पर वायरल हो गया। पुलिस ने घटनाक्रम में शामिल अभ्यर्थियों की सूची बनाई है। जांच के बाद उनसे भी पूछताछ की जाएगी।
पेपर वायरल कर आरोपितों तक पहुंचाने वाला मुख्य आरोपित पुलिस पकड़ से दूर है। आरोपित कई प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर वायरल कर नकल करवाने के मामलों में गिरफ्तार हो चुका हैं। पुलिस के अनुसार आरोपित पेपर वायरल कर आगे अभ्यर्थियों को बेचने के मामले में मास्टरमाइंड है। पुलिस की टीमें उसकी तलाश में जुटी हुई हैं। वहीं आरोपित व्याख्याता मनोहर सुथार पूर्व में प्रतियोगी परीक्षा में नकल करवाने के मामले में गिरफ्तार हो चुका है।
वॉट्सएप पर वायरल हुए पेपर की जांच में पुलिस ने एमबीसी गल्र्स कॉलेज से अभ्यर्थी अशोककुमार को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने पेपर भेजने वाले एक युवक का नाम बताया है। पुलिस अब उसकी तलाश में जुटी है।
पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने एक जने से पेपर खरीदा। फिर अभ्यर्थियों से सम्पर्क कर एकत्र किया। वहां सभी को पेपर हल करवाया। पुलिस मुख्य आरोपित की तलाश में जुटी है।- डॉ.गगनदीप सिंगला, पुलिस अधीक्षक बाड़मेर