जाने तिरंगे के बारे में 1951 में पहली बार भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने पहली बार राष्ट्रध्वज के लिए कुछ नियम तय किए। 1968 में तिरंगा निर्माण के मानक तय किए गए। ये नियम अत्यंत कड़े हैं। केवल खादी या हाथ से काता गया कपड़ा ही झंडा बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। कपड़ा बुनने से लेकर झंडा बनने तक की प्रक्रिया में कई बार इसकी टेस्टिंग की जाती है। झंडा बनाने के लिए दो तरह की खादी का प्रयोग किया जाता है। एक वह खादी जिससे कपड़ा बनता है और दूसरा खादी-टाट। खादी के केवल कपास, रेशम और ऊन का प्रयोग किया जाता है। यहां तक की इसकी बुनाई भी सामान्य से भिन्न होती है।
धारवाण के निकट गदग और कर्नाटक के बागलकोट में ही खादी की बुनाई की जाती है। जबकी हुबली एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान है जहां से झंडा उत्पादन व आपूर्ति की जाती है। बुनाई से लेकर बाजार में पहुंचने तक कई बार बीआईएस प्रयोगशालाओं में इसका परीक्षण होता है।
बुनाई के बाद सामग्री को परीक्षण के लिए भेजा जाता है। कड़े गुणवत्ता परीक्षण के बाद उसे वापस कारखाने भेज दिया जाता है। इसके बाद उसे तीन रंगों में रंगा जाता है। केंद्र में अशोक चक्र को काढ़ा जाता है। उसके बाद इसे फि र परीक्षण के लिए भेजा जाता है। बीआईएस झंडे की जांच करता है इसके बाद ही इसे बाजार में बेचने के लिए भेजा जाता है।
भिंयाड़ में बच्चों ने बनाया तिरंगा, दिया संदेश भिंयाड़. राजस्थान पत्रिका के अभियान घर -घर फहराएंगे तिरंगा से प्रेरित होकर भिंयाड़ स्थित मातेश्वरी विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों ने इस मुहिम से जुडऩे का संकल्प किया। विद्यार्थियों ने मानव -श्रृंखला बनाकर तिरंगा शब्द लिखा । कक्षा दस से बारहवीं के विद्यार्थियों ने संकल्प किया कि आने वाले स्वतंत्रता दिवस पर हम ससम्मान अपने घर पर तिरंगा ध्वज फ हरा कर स्वयं को गौरवान्वित महसूस करेंगे। विद्यालय प्रबंधक राजेन्द्रसिंह भिंयाड़ ने विद्यार्थियों को संबोधित किया।
ग्रामीण बोले फहराएंगे तिरंगा कानूनन हमें ये हक मिला है कि हम अपने घर पर तिरंगा झंडा फ हरावें। स्वतंत्रता दिवस पर हमें अपनी छत पर तिरंगा फ हराते हुए गर्व महसूस होगा। पत्रिका के अभियान के साथ जुड़ेंगे और अन्य लोगों को भी प्रेरित करेंगे।
– स्वरूपाराम गोदारा तिरंगा हमारी आन, बान, शान है। इसके लिए हमारे पुरखों ने सर्वस्व बलिदान किया । पंद्रह अगस्त राष्ट्रीय पर्व है। होली दीपावली पर घर सजाते है तो पंद्रह अगस्त पर घर तिरंगा फहराना चाहिए। इससे घर से राष्ट्रभक्ति का पाठ आने वाली पीढ़ी पढ़ेगी।
– तनेजराजसिंह राठौड़ पत्रिका की पहल सराहनीय है। घर पर तिरंगा फहराकर मैं देश का सच्चा सिपाही खुद को मानूंगा। स्कूल व अन्य समारोह में जाने से पहले घर पर तिरंगा फहराएंगे। – लूम्बाराम जांगिड